कोलगेट समेत तेल-साबुन और टूथपेस्ट बनाने वाली एफएमसीजी कंपनियों को जीएसटी लागू होने से जो फायदा हुआ है, उसे उन्होंने ग्राहकों के साथ बांटना शुरू कर दिया है
सरकार ने जीएसटी रेट फाइंडर नाम से एक मोबाइल एप लॉन्च की है। इस मोबाइल एप में जीएसटी के सभी टैक्स रेट दिए गए हैं, जिसकी मदद से टैक्स रेट पता चलेंगे।
उपभोक्ताओं को जून में उपभोग की गई क्रेडिट कार्ड, टेलीफोन या अन्य सर्विस के बिल भुगतान पर GST देना होगा। यदि जुलाई में इन सेवाओं का इन्वॉइस बनाया जाता है।
जम्मू-कश्मीर भी अब वस्तु एवं सेवाकर व्यवस्था लागू करने वाले राज्यों में शामिल हो गया है इसके साथ ही पूरे देश में जीएसटी व्यवस्था को अपना लिया गया है।
जहां सभी लोग यह मान रहे थे GST लागू होने से अधिकांश लोकप्रिय ई-कॉमर्स वेबसाइट पर चलने वाली ऑनलाइन सेल खत्म हो जाएंगी, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है।
कार निर्माता कंपनी हुंडई, जिसने कारों की कीमतों में 3.72 लाख रुपए तक की भारी भरकम कटौती कर दी है। BMW ने भी कारों की नई कीमतों की घोषणा की है।
GST के बाद संसोधित MRP प्रकाशित नही करने पर सरकार विनिर्माताओं पर जुर्माना लगाएगी और इसमें जेल भी हो सकती है
विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) का मानना है कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) की वजह से देश में लघु अवधि में सोने की मांग प्रभावित हो सकती है।
दिल्ली, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र सहित 22 राज्यों ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था लागू होने के तीन दिन के भीतर जांच चौकियां (चेक पोस्ट) हटा दी हैं।
मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने जीएसटी लागू होने के तुरंत बाद इंपोर्टेड मोबाइल फोन और उपकरणों पर 10% बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) लगाई।
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति (Maruti Suzuki) ने GST (माल एंव सेवा कर) लागू होने के बाद चुनिंदा कारों के दाम 3 फीसदी तक घटा दिए है।
देश को आज 70 साल पुराने अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से आजादी मिल गई। रात 12 बजे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संसद के केंद्रीय हॉल में घंटा बजाकर GST को लॉन्च
गुड्स और सर्विस टैक्स के लागू होने से कुछ ही घंटे पहले शक्तिशाली जीएसटी परिषद ने रासायनिक खाद पर टैक्स को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है।
आज रात 12 बजे से देश में गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) लागू हो जाएगा। बहुत सी वस्तुओं और सेवाओं के दाम बदलने से हर भारतीय पर इसका असर पड़ेगा।
क्रिसिल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि GST व्यवस्था में असंगठित क्षेत्र के कारोबारियों का कारोबार घटने से संगठित ज्वैलरी रिटेलर्स को फायदा होगा।
नीति आयोग के सदस्य व जाने-माने अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय ने कहा कि मौजूदा GST (वस्तु एवं सेवा कर) प्रणाली की एक मुख्य समस्या इसकी कई दरों वाली संरचना है।
30 जून की आधी रात को ससंद का स्पेशल सेशन बुलाकर ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में इसको मंजूरी दी जाएगी। GST की लॉन्चिंग के कार्यक्रम में कई मशहूर हस्ती मौजूद रहेंगी।
लेटेस्ट न्यूज़