Wedding Gift Tax Rule: भारत में शादियाँ सेलिब्रेट की जाती है, जब परिवार और दोस्त शादी के बंधन में बंधने वाले जोड़े की खुशी का जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं। उत्सव के साथ-साथ उपहार भी आते हैं, जो नवविवाहितों के प्रति प्यार और स्नेह व्यक्त करने का एक तरीका है। और सोने पर सुहागा ये है कि हमारे देश में शादियों के दौरान मिलने वाले उपहारों पर टैक्स नहीं लगता है। यह उस जोड़े और परिवार के लिए एक बड़ी राहत है जो पहले से ही समारोह के खर्चों के बोझ से दबे हुए हैं, और अन्य लोगों के लिए जो दोस्तों और परिवार से ऐसे उपहार प्राप्त करने के टैक्स बारे में चिंतित हैं। कुछ नियम है जिसे ध्यान में रखा जाए तो एक भी पैसा टैक्स के तौर पर सरकार को नहीं देना होगा।
क्या कहता है कानून?
शुरुआत के लिए आयकर, 1961 की धारा 56 (2), वह कानून है जो किसी से भी और किसी भी अवसर पर प्राप्त उपहारों के टैक्सेशन को नियंत्रित करता है। अधिनियम के अनुसार, किसी व्यक्ति को उसकी शादी के दौरान प्राप्त उपहार टैक्स योग्य नहीं हैं। इसका मतलब यह है कि दूल्हा या दुल्हन को उनके विवाह समारोह के दौरान प्राप्त कोई भी उपहार चाहे वह नकदी, कार, घर, आभूषण और स्टॉक हो - टैक्स से मुक्त है। यह छूट जोड़े को उनके रिश्तेदारों और दोस्तों से मिले उपहारों पर भी लागू होती है।
क्या है शर्त?
ध्यान दें कि उपहारों को टैक्स फ्री करने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना आवश्यक है। सबसे पहले उपहार व्यक्ति को केवल उसकी शादी के अवसर पर ही मिलना चाहिए। सगाई या बिदाई पर नहीं। दूसरे, उपहार व्यक्ति या जोड़े को मिलना चाहिए, न कि परिवार के किसी अन्य व्यक्ति को। अन्यथा, 50,000 रुपये से अधिक मूल्य के उपहार टैक्स योग्य हैं। यदि इनमें से कोई भी शर्त पूरी नहीं होती है, तो उपहार पर टैक्स देना पड़ जाता है।
फोटो क्लिक कराने से मिलता है फायदा
यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह छूट केवल विवाह समारोहों के दौरान प्राप्त उपहारों पर लागू होती है। इसलिए, शादी के दौरान प्राप्त सभी उपहारों और नकदी का रिकॉर्ड रखने की परंपरा, जिसमें उनका मूल्य और उपहार देने वाले व्यक्ति का विवरण भी शामिल हो। उपहार देते समय जोड़े के साथ फोटो क्लिक करने की प्रथा भी बहुत उपयोगी है, क्योंकि ऐसे रिकॉर्ड बनाए रखने से बाद में जांच होने की स्थिति में मदद मिलती है। अगर आयकर विभाग को जांच के दौरान शादी में उपहार मिलने वाली किसी वस्तु का वास्तविक प्रमाण नहीं मिला, तो जोड़े को भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। ध्यान देने योग्य एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि यह छूट केवल व्यक्तियों से प्राप्त उपहारों पर लागू होती है। कंपनियों, फर्मों या अन्य संस्थाओं से प्राप्त उपहारों को टैक्स से छूट नहीं दी जाएगी।