उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार राज्य के प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) नियमों में संशोधन करने की तैयारी में है। सरकार के इस कदम के पीछे की मुख्य मकसद पर्यटन को बढ़ावा देना है। शहरी विकास विभाग ने बीते जुलाई के पहले सप्ताह में ड्राफ्ट नियम पेश कर कुछ संपत्तियों के लिए टैक्स कैलकुलेशन के नियमों में बदलाव करने का फैसला लिया था। आईएएनएस की खबर के मुताबिक, विभाग को ड्राफ्ट पर नौ सुझाव और आपत्तियां मिली हैं। संशोधित प्रस्ताव को मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। उसके बाद इसे नोटिफाई किया जाएगा।
दस साल बाद होगा बदलाव
खबर के मुताबिक, सरकार दस साल बाद ऐसा करने जा रही है। आखिरी बार इन नियमों में साल 2013-14 में बदलाव (Amendment in property tax rules in UP) किया गया था। यहां बता दें कि आवासीय और गैर-आवासीय भवनों की दरें (Property Tax) में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा रहा है। इसमें डिपार्टमेंट ने तारांकित होटल प्रॉपर्टी के संचालकों को छूट का ऑफर किया था, ताकि राज्य में टूरिज्म को सपोर्ट मिले और रोजगार में भी इजाफा हो सके।
विदेशी पर्यटकों का बड़ा आकर्षण केंद्र है आगरा
खबर में कहा गया है कि बजट होटलों और गेस्टहाउसों से बेड और ब्रेकफास्ट, आवास और होमस्टे के बीच अंतर करने के प्रावधानों की जरूरत महसूस की गई थी। ये स्टैंडर्ड के मुताबिक टैक्स (Property Tax) का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे। ऑफिशियल प्रवक्ता के मुताबिक,कुल 9 आपत्तियों में 8 आगरा के ही स्टेकहोल्डर्स ने फाइल की थी. बता दें, आगरा वह शहर है जो करीब 60 प्रतिशत विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है। आगरा में 2000 से भी ज्यादा होटल हैं।
समझ लें चार्ज
पर्यटन विभाग ने तारांकित प्रॉपर्टीज (Property Tax) को इंडस्ट्री का दर्जा दिया है। साथ ही आश्वासन दिया है कि होम टैक्स, वाटर सीवरेज टैक्स और दूसरे नगरपालिका चार्ज, तय दरों के मुताबिक लगाए जाएंगे। एक बार नया नियम नोटिफाई हो जाने के बाद, तारांकित संपत्तियां, जो आधार दर का छह गुना तक भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं, उन पर आधार दर का सिर्फ तीन गुना शुल्क लगाया जाएगा। सरकार ने हालांकि, यह भी कहा है कि बजट होटल, गेस्ट हाउस और दूसरे रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में आधार दर का छह गुना भुगतान करना जारी रखेंगे।