Taxpayers Money Deposited: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने कहा है कि टैक्स वापस करने के औसत समय में उल्लेखनीय कमी आई है। बीते वित्त वर्ष 2022-23 में 80 प्रतिशत मामलों में ‘रिफंड’ रिटर्न भरने के पहले 30 दिन में जारी कर दिये गये। सीबीडीटी प्रमुख ने यह भी कहा कि टेक्नोलॉजी के उपयोग से आयकर रिटर्न प्रक्रिया का काम तेज हो गया है और स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देकर टैक्सपेयर्स के लिए ‘कारोबारी सुगमता’ सुनिश्चित करने का काम किया जा रहा है। गुप्ता ने कहा कि हमने रिटर्न की प्रक्रिया तेज कर दी है और टैक्स वापसी तेजी से होने लगी है। वित्त वर्ष 2022-23 में कर रिफंड में लगने वाला समय औसतन सिर्फ 16 दिन रह गया जो 2021-22 में 26 दिन था।
21 प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी
आयकर विभाग की ओर से बृहस्पतिवार को आयोजित ऑनलाइन ‘संवाद’ सत्र में गुप्ता ने कहा कि आईटीआर भरने के एक दिन के भीतर प्रक्रिया पूरी करने के मामले में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह आकलन वर्ष 2021-22 में 21 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 42 प्रतिशत हो गया है।” टेक्नोलॉजी के उपयोग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विभाग ने 28 जुलाई 2022 को एक दिन में सर्वाधिक 22.94 लाख रिटर्न का निपटान किया। सीबीडीटी प्रमुख ने स्वैच्छिक अनुपालन को आसान बनाने और कानूनी विवाद को कम करने के बारे में कहा कि एक आईटीआर रिटर्न (आईटीआर-यू) की व्यवस्था ई-फाइलिंग पोर्टल पर की गई है ताकि करदाता संबंधित आकलन वर्ष समाप्त होने के बाद दो साल के भीतर किसी भी समय अपने रिटर्न को अपडेट कर सकें।
इस व्यवस्था ने बदल डाला गेम
उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2023 तक 24.50 लाख से अधिक आईटीआर रिटर्न दाखिल किए गए हैं और अतिरिक्त टैक्स के रूप में लगभग 2,480 करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं। गुप्ता ने यह भी कहा कि पिछले वित्त वर्ष में अधिकारी और टैक्सपेयर्स के आमने-सामने आये बिना (फेसलेस) चार लाख से अधिक आकलन पूरे हुए हैं। ‘फेसलेस’ प्रक्रिया से संबंधित शिकायतों में 2022-23 में इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 60 प्रतिशत की कमी आई है। गुप्ता ने कहा कि ‘फेसलेस’ व्यवस्था के तहत कर अधिकारियों ने एक लाख से अधिक अपील का निपटान किया है।