Tax Saving: जितने भी नौकरी करने वाले लोग हैं वो EPF यानी की Employers Provident Fund के जरिए 12 फीसदी तक की कटौती अपने बेसिक सैलरी से हर महीने करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि VPF यानी की Voluntary Provident Fund के जरिए भी आप सैलरी से पैसे कटवा सकते हैं और टैक्स की बचत भी कर सकते हैं। वीपीएफ का विकल्प कोई भी नौकरी करते हुए चुन सकता है। हममें से कई लोग इसके फायदे से अनजान होते हैं। इस खाते को खुलवाने के लिए किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस जाने की जरुरत नहीं पड़ती है। आप अपनी सैलरी से ही हर महीने ईपीएफ की तरह वीपीएफ को कटवा सकते हैं। अगर आप भी उठाना चाहते हैं वीपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) अकाउंट के जरिए फायदा तो जानिए क्या होता है वीपीएफ और कर्मचारी कैसे उठा सकते हैं इसका फायदा?
क्या होता है VPF?
ईपीएफ की तरह ही वीपीएफ हर प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों के लिए अपने रिटायरमेंट के लिए बचत का एक निवेश फंड होता है जिसे रिटारमेंट फंड या Voluntary Provident Fund कहते हैं। वीपीएफ का विकल्प कर्मचारी को दिया जाता है। अगर कर्मचारी चाहे तो वो वीपीएफ अपने सैलरी से कटवा सकता है। वीपीएफ खाते में आप अपने बेसिक सैलरी और डीए का 100 फीसदी तक निवेश कर सकते हैं। ध्यान रहे कि वीपीएफ का निवेश आपके ईपीएफ के 12 फीसदी निवेश से अलग होता है। ईपीएफ खाते में जितना ब्याज (7.5% से 8.5 % के बीच) मिलता है उतना या उससे थोड़ा ज्यादा ही ब्याज वीपीएफ के खाते में मिलता है। वीपीएफ खाते को खुलवाने के लिए कर्मचारी बाध्य नहीं होता। कर्मचारी के पास वीपीएफ खाते में निवेश करने का एक अलग से विकल्प होता है। अगर कोई नौकरी करता है और वीपीएफ के विकल्प को भी चुनता है तो ईपीएफ की तरह ही आप ऑनलाइन खाते की जानकारी ले सकते हैं और पैसे निकाल सकते हैं। वीपीएफ खाते से पैसे निकालने के लिए कर्मचारी को पांच साल की नौकरी करना आवश्यक होता है। वीपीएफ खाते को खुलवाने से टैक्स छूट मिलती ही है साथ ही ईपीएफ से ज्यादा ब्याज भी मिलता है। एफ में पैसा सिर्फ और सिर्फ आपकी मर्जी से ही निवेश किया जा सकता है।
कैसे खुलवा सकते हैं VPF अकाउंट?
- वीपीएफ खाते को खुलवाने के लिए जब आप अपनी नौकरी शुरू करते हैं तभी अपने कंपनी के HR से बात करके ईपीएफ के साथ वीपीएफ खाते को खोलने का अनुरोध कर सकते हैं।
- प्रोसेस होते ही आपके EPF के खाते से VPF को जोड़ दिया जाता है और हर महीने तय कंट्रिब्यूशन सैलरी से कटने लगती है।
- वीपीएफ खाता कम से कम आपको पांच साल तक चालू रखना होता है तभी आप उससे पैसे निकाल पाएंगे और फायदा लें पाएंगे।
- जिस तरह ईपीएफ हर महीने आपके सैलरी से कटता है ठीक उसी तरह वीपीएफ का विकल्प चुनते ही पैसा कटना शुरू हो जाता है।
- ईपीएफ की तरह ही आप वीपीएफ खाते से इमरजेंसी (शादी, बच्चों की पढ़ाई, होम लोन या किसी बीमारी के इलाज के लिए) के समय पर आधा पैसा या भी फिर पूरा पैसा निकाल सकते हैं।
- ध्यान दें कि इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के मुताबिक इसमें 1.5 लाख की छूट मिलती है, किन अगर आपने 5 साल पहले VPF निकाला है तो आपको उसपर अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ेगा।
VPF फायदेमेंद क्यों?
सरकारी स्कीम होने के वजह से इसमें निवेश बिल्कुल सुरक्षित माना जाता है। 100 फीसदी का कंट्रब्यूशन कर्मचारी अपने VPF खाते में कर सकता है। जॉब बदलने पर VPF खाते को ट्रांसफर करवा सकते हैं और खाते के जरिए जरुरत पड़ने पर लोन भी लिया जा सकता है। अन्य सरकारी सुविधा जैसे कि EPF, Sukanya Samridhi Scheme, Senior Citizen Scheme, PPF के मुकाबले VPF में हमेशा ब्याज दर सरकार द्वारा ज्यादा तय होता है। VPF का ब्याज दर तेजी से बढ़ता रहता है। VPF में जमा पैसा आपके लिए retirement fund है। VPF अकाउंट में जमा पैसा आपको इमरजेंसी के अलावा अपने रिटायरमेंट के बाद ही मिलता है। बाकी निवेश विकल्पों में आप तय समय के बाद पैसा निकाल सकते हैं लेकिन VPF में ऐसा नहीं है। सिर्फ प्राइवेट कंपनी वाले ही VPF खाता खुलवा सकते हैं। VPF में पैसा जमा करने से पैसा 9 साल बाद डबल मिलता है। प्राईवेट नौकरी करने वालों को हमेशा पेंशन और रिटायरमेंट की फिक्र होती है। VPF आपको रिटायरमेंट के बाद फाइनेंशियल मदद करता है। हमेशा किसी भी तरह के निवेश विकल्प को चुनने से पहले अपने निवेश सलाहकार की जानकारी जरुर लें।
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