स्टॉक मार्केट एक जगह है जहां यदि लंबी अवधि का नजरिए रखते हुए सही रणनीति के साथ उतरा जाए तो आप आसानी से मोटा पैसा बना सकते हैं। इसके लिए आपको बाजार में लिस्टेड कंपनियों के साथ अनलिस्टेड कंपनियों में निवेश करते हैं। लिस्टेड कंपनियों पर टैक्स नियमों के बारे में काफी लोग जानते हैं,लेकिन बेहद कम लोगों को अनलिस्टेड कंपनियों के शेयरों पर टैक्स के बारे में जानकारी होती है।
अनलिस्टेड शेयर क्या होता है?
शेयर बाजार में एनएसई और बीएसई पर मौजूद पब्लिक कंपनियों के शेयरों को लिस्टेड शेयर कहा जाता है। इसके उल्ट जो कंपनियां मार्केट में लिस्टेड नहीं है। उनके शेयरों को अनलिस्टेड शेयर कहा जाता है। ये केवल कुछ निवेशकों के पास होते हैं। लिस्टेड शेयरों की तरह इन्हें खरीदना और बेचना भी पूरी तरह से कानून है। अगर किसी व्यक्ति को अनलिस्टेड शेयर बेचकर मुनाफा होता है तो उस पर लिस्टेड शेयरों की तरह कैपिटल गेन टैक्स लगता है।
अनलिस्टेड शेयरों पर कैपिटल गेन टैक्स
अनलिस्टेड शेयरों पर दो तरह से कैपिटल गेन टैक्स लगता है। पहला लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स और दूसरा शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स: अगर आपके पास अनलिस्टेड शेयर 24 महीने से ज्यादा समय से है तो आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। स्टॉक्स पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दर 20 प्रतिशत है।
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स: अगर आप 24 महीने से कम समय में अपने अनलिस्टेड शेयरों को बेच देते हैं तो आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स का भुगतान करना होगा। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स आपके इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से लिया जाएगा।
इनकम टैक्स फाइलिंग के दौरान आपको इनकम टैक्स फाइलिंग में कैपिटल गेन सेक्शन में ही अनलिस्टेड शेयरों पर हुए मुनाफे को दिखाना होगा। इसके आप अपनी जरूरत के मुताबिक आईटीआर 2 और आईटीआर 3 का उपयोग कर सकते हैं।