देश में इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR भरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या पिछले 10 साल में दोगुना से अधिक होकर 7.78 करोड़ पर पहुंच गई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने मंगलवार को ये आंकड़े जारी किये। सीबीडीटी ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में 7.78 लाख आयकर रिटर्न भरे गये। यह 2013-14 में भरे गये 3.8 करोड़ आयकर रिटर्न के मुकाबले 104.91 प्रतिशत अधिक है। इसी अवधि में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (net direct tax collection) 2022-23 में 160.52 प्रतिशत बढ़कर 16,63,686 करोड़ रुपये रहा। यह 2013-14 में 6,38,596 करोड़ रुपये था।
173% बढ़ा ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स क्लेक्शन
सरकार ने 2023-24 के बजट में प्रत्यक्ष कर (व्यक्तिगत आयकर और कंपनी कर) से 18.23 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। यह पिछले वित्त वर्ष में जुटाये गये 16.61 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 9.75 प्रतिशत ज्यादा है। सीबीडीटी के आंकड़ों के अनुसार, सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह (gross direct tax collection) 2022-23 में 173.31 प्रतिशत बढ़कर 19,72,248 करोड़ रुपये रहा था। यह वित्त वर्ष 2013-14 में 7,21,604 करोड़ रुपये था। इसके साथ ही प्रत्यक्ष कर-जीडीपी अनुपात 5.62 प्रतिशत से बढ़कर 6.11 प्रतिशत हो गया है। हालांकि, संग्रह लागत बढ़कर 2022-23 में 0.57 प्रतिशत हो गई, जो 2013-14 में 0.51 प्रतिशत थी।
बजट से टैक्सपेयर्स को हैं ये उम्मीदें
एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी। वैसे तो इस बजट में कोई बड़ी घोषणा होनी संभावना नहीं है, लेकिन टैक्सपेयर्स कई उम्मीदें लगाए बैठे हैं। टैक्सपेयर्स की मांग है कि सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम को बंद ना करे और टैक्स फ्री स्लैब की लिमिट को बढ़ाए। साथ ही सेक्शन 80डी के तहत डिडक्शन लिमिट बढ़ाने की भी मांग हो रही है।