चालू वित्त वर्ष (FY2024-25) में 11 अगस्त तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 22.48 प्रतिशत बढ़कर लगभग 6.93 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस कलेक्शन में 4.47 लाख करोड़ रुपये का व्यक्तिगत इनकम टैक्स कलेक्शन और 2.22 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन शामिल है। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। भाषा की खबर के मुताबिक, प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) से 21,599 करोड़ रुपये इकट्ठा हुए, जबकि दूसरे टैक्स (जिसमें समानीकरण शुल्क और गिफ्ट टैक्स शामिल हैं) से सरकार को 1,617 करोड़ रुपये की कमाई हुई।
टैक्स कलेक्शन बढ़ने की रही वजह
खबर के मुताबिक, बयान के मुताबिक, इस साल 1 अप्रैल से 11 अगस्त के बीच 1.20 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो 33.49 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। बयान में कहा गया कि 2023-24 में अर्जित आय के लिए दाखिल किए गए इनकम रिटर्न में उछाल के चलते टैक्स कलेक्शन बढ़ा। जिन व्यक्तियों और इकाइयों को अपने अकाउंट का ऑडिट नहीं कराना पड़ता है, उनके लिए इनकम रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी। इस दौरान 31 जुलाई तक रिकॉर्ड 7.28 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए।
डायरेक्ट टैक्स जुटाने का लक्ष्य
सकल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 24 प्रतिशत बढ़कर 8.13 लाख करोड़ रुपये रहा। कलेक्शन में 4.82 लाख करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) और 3.08 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट कर शामिल है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष करों (डायरेक्ट टैक्स) से 22.07 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है।
पिछले दो सालों में व्यक्तिगत इनकम टैक्स कलेक्शन कॉर्पोरेट टैक्स से आगे निकल गया है, क्योंकि इनकम में बढ़ोतरी हुई है; सरकार ने कंपनियों के बजाय व्यक्तिगत करदाताओं के हाथ में लाभांश पर टैक्स लगाया है। जुलाई में वित्त वर्ष 25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार करों को सरल बनाने के प्रयास जारी रखेगी।