देश में टैक्स सिस्टम में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है। अनुमान है कि साल 2047 तक देश में और 41 करोड़ लोग भारतीय टैक्स सिस्टम (indian tax system)से जुड़ जाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को कहा कि अगस्त में जारी इनकम टैक्स डेटा को लेकर कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के व्यापक पैमाने पर औपचारिकीकरण का सबसे बड़ा संकेत है। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2023 में वित्त मंत्री ने कहा कि हर टैक्स स्लैब में टैक्स फाइलिंग में न्यूनतम तीन गुना ग्रोथ देखी गई है। आपको जानकारी दे दें कि महाराष्ट्र आईटीआर (income tax return) फाइलिंग में आगे बना हुआ है।
2047 में 48.2 करोड़ ITR फाइल होंगे
खबर के मुताबिक, वित्त मंत्री ने कहा कि देश की कुल जनसंख्या में वर्कफोर्स की हिस्सेदारी साल 2047 में बढ़कर 45 प्रतिशत हो जाएगी। वैसे वर्कफोर्स जो टैक्स चुकाने में सक्षम होंगे, कि संख्या की हिस्सेदारी मौजूदा 22.5% से बढ़कर 85.3% हो जाएगी। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, सीतारमण ने कहा कि साल 2047 में 48.2 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (itr filing) करने वाले होंगे, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह संख्या 7 करोड़ होगी।
डीमैट, म्यूचुअल फंड और एसआईपी रजिस्ट्रेशन काफी बढ़ा
वित्त मंत्री (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने भारत ने वित्तीय समावेशन की दिशा में पहला कदम उठाया है, और कहा है कि वित्तीय क्रांति भारत के बैकवाटर कस्बों तक भी पहुंच गई है। बीते चार सालों के दौरान डीमैट (DMAT) अकाउंट्स की संख्या दोगुना से ज्यादा बढ़ गई है। आंकड़ों के मुताबिक. साल 2019 में यह संख्या 4.1 करोड़ से बढ़कर 2022-23 में 10 करोड़ हो गई है। इसी तरह, म्यूचुअल फंड और एसआईपी रजिस्ट्रेशन में भी रिकॉर्ड संख्या में लोगों ने रुचि दिखाई है। यह साधन लंबी अवधि में धन जेनरेट करने में मददगार हैं। जुलाई 2023 में म्यूचुअल फंड उद्योग में मंथली फ्लो 15,245 करोड़ रुपये के सबसे ऊंचे लेवल पर पहुंच गया।