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आयकर रिटर्न फाइल करने में हो गई गलती तो टेंशन नहीं लें, फॉलो करें ये आसान स्टेप्स और करें सुधार

आप कितनी बार संशोधित आईटीआर दाखिल कर सकते हैं, इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: July 25, 2023 13:15 IST
Income tax retrun correction - India TV Paisa
Photo:FILE आयकर रिटर्न

आयकर रिटर्न की डेडलाइन (31 जुलाई) नजदीक आने के साथ इनकम टैक्स भरने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। हर रोज लाखों लोग अपना आयकर रिटर्न भर रहे हैं। इनमें कुछ लोग जल्दबाजी और सही जानकारी के अभाव में गलती कर दे रहे हैं। अगर आप भी उनमें शामिल हैं तो टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। आप रिटर्न में हुई गलती को सुधार सकते हैं। आयकर विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, आप वित्त वर्ष 2022-23 (आकलन वर्ष 2023-24) के लिए 31 दिसंबर 2023 तक रिवाइज्ड रिटर्न भर सकते हैं। 

 रिटर्न फाइल करने के बाद कैसे करें बदलाव

सबसे पहले आपको इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर जाकर लॉगइन करना होगा। इसके बाद फाइलिंग अंडर सेक्शन नंबर 139(5) को सलेक्ट करें। इसके बाद आप रिटर्न भरने में हुई गलतियों को सुधार सकते हैं। सुधार करने के बाद आपको संशोधित एक्‍नॉलेजमेंट नंबर मिल जाएगा। यह प्रावधान उन व्यक्तियों पर भी लागू होता है जो समय सीमा बीत जाने के बाद अपना आईटीआर दाखिल करते हैं, जिसे विलंबित आईटीआर कहा जाता है। पहले, केवल वे करदाता जो समय सीमा से पहले अपना आईटीआर दाखिल करते थे, उन्हें अपने रिटर्न को संशोधित करने की अनुमति थी। हालांकि, मौजूदा कानून विलंबित रिटर्न में भी संशोधन की अनुमति देता है।

संशोधित रिटर्न दाखिल करने की सीमा

आप कितनी बार संशोधित आईटीआर दाखिल कर सकते हैं, इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हर बार जब आप संशोधित रिटर्न दाखिल करते हैं, तो आपको अपने मूल आईटीआर का विवरण प्रदान करना होगा। संशोधित रिटर्न दाखिल करने से मूल फाइलिंग में हुई किसी भी त्रुटि या चूक को ठीक करने का अवसर मिलता है। हालांकि, सावधानी बरतना और इस सुविधा के दुरुपयोग से बचना आवश्यक है। बाद में संशोधन की आवश्यकता को कम करने के लिए मूल कर रिटर्न दाखिल करते समय अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

एक्‍नॉलेजमेंट नंबर सुधार के लिए जरूरी 

रिटर्न फाइल करने के दौरान हुई गलतियों को सुधारने के लिए व्‍यक्तिगत आयकरदाता के पास 15 डिजिट का एक्‍नॉलेजमेंट नंबर होना चाहिए। यह नंबर रिटर्न भरने के दौरान मिलता है। इस नंबर के जरिए व्‍यक्तिगत करदाता रिटर्न फाइल में हुई गलतियों को सुधार कर सकता है। यदि सुधार के दौरान व्‍यक्तिगत करदाता कोई गलत सूचना देता है तो इनकम टैक्स विभाग भारी पेनल्टी लगा सकता है। गलत जानकारी की सूचना देने पर बकाए टैक्‍स की रकम का 100 से 300 फीसदी तक का पेनल्‍टी इनकम टैक्‍स विभाग वसूल कर सकता है।

कहां होती हैं गलतियां

एक्सपर्ट का कहना है कि व्यक्तिगत करदाता से जन्मतिथि, पत्राचार का पता, बैंक अकाउंट का ब्योरा, टैक्स कटौती खाता संख्या, एसेसमेंट ईयर का चयन, एसेसमेंट टैक्स का चालान, कुछ आय की जानकारी नहीं देना जैसी गलतियां होती हैं। इसलिए सही जानकारी ही देना चाहिए। आयकर विभाग रिटर्न फाइल के दौरान हुई गलतियों को सुधारने की सुविधा देता है लेकिन करदाता को यह सुनिश्चित करते हुए सुधार करना चाहिए, कि वह जो जानकारी दे रहा है वह बिल्‍कुल सही है। आयकर विभाग ऐसे फॉर्म की समीक्षा कर सकता है जिसमें कई दफा सुधार किया गया हो। अगर, आयकर विभाग को लगता है कि करदाता ने टैक्स देनदारी से बचने के लिए कोई जानकारी छुपाई है, तो वह आयकर दाता से स्पष्टीकरण मांग सकता है। एक से अधिक बार आयकर रिटर्न को सुधारने पर करदाता को ऑरिजनल एक्‍नॉलेजमेंट नंबर और रिटर्न फाइल करने की तिथि देनी होती है।

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