Tuesday, November 05, 2024
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Real Estate पर LTCG टैक्स नियम में हो रहा संशोधन, जानिए किन टैक्सपेयर्स को मिलेगा फायदा

Long term capital gains tax on property : वित्त मंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि संशोधन के बाद एलटीसीजी कर के संबंध में कोई अतिरिक्त कर बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा।

Edited By: Pawan Jayaswal
Updated on: August 07, 2024 19:27 IST
वित्त मंत्री- India TV Paisa
Photo:FILE वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि रियल एस्टेट पर विवादास्पद दीर्घावधि के पूंजीगत लाभ (LTCG) पर कर प्रस्ताव में संशोधन किया जा रहा है, ताकि करदाताओं को पुरानी प्रणाली के तहत या बिना इंडेक्सेशन के कम दरों पर कर देयता की गणना करने और दोनों में से कम कर का भुगतान करने का विकल्प दिया जा सके। उन्होंने कहा कि ‘रोलओवर’ लाभ उन करदाताओं को उपलब्ध होगा, जो पुरानी संपत्ति की बिक्री पर पूंजीगत लाभ का उपयोग करके नई अचल संपत्ति खरीदते हैं। वित्त मंत्री ने लोकसभा में वित्त विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह भी कहा कि विपक्ष बजट को लेकर मध्यम वर्ग के सरकार से नाराज होने का झूठा माहौल बना रहा है और सरकार ने करों में भारी वृद्धि किए बिना कराधान व्यवस्था को सरल बनाया है और अनेक उपाय किए हैं जिनसे मध्यम वर्ग को राहत मिली है। अचल संपत्तियों की बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ की गणना में इंडेक्सेशन लाभ को हटाने के लिए बजट 2024-25 में रखे गए प्रस्ताव की विपक्षी दलों और कर पेशेवरों सहित विभिन्न पक्षों ने तीखी आलोचना की है।

अब नहीं बढ़ेगा कोई अतिरिक्त टैक्स बोझ

वित्त मंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि संशोधन के बाद एलटीसीजी कर के संबंध में कोई अतिरिक्त कर बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के साथ सरकार ने सरल और प्रौद्योगिकी संचालित कर प्रणाली बनाई है, जिसका उद्देश्य कराधान को सरल करना, करदाताओं पर बोझ कम करना और इसे पारदर्शी बनाना है। वित्त मंत्री ने कहा कि इसी बुनियाद पर कर प्रस्ताव रखे गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ (विपक्षी) सदस्यों ने मध्यम वर्ग पर कर का बोझ होने की बात कही है। माहौल ऐसा बनाया जा रहा है कि मध्यम वर्ग नाराज है, उसके लिए कुछ नहीं किया गया।’’

कभी 98% तक लगता था टैक्स

सीतारमण ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘आपातकाल लगाने वालों की सरकारों में देश में 98 प्रतिशत तक कर लगता था। तब मध्यम वर्ग की चिंता नहीं थी। इस सरकार ने पिछले दस साल में कर प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि देश की जनता जानती है कि 2004 से 2014 के बीच कितने भ्रष्टाचार के मामले आए और ‘‘कितना पैसा सरकारी खजाने में गया और कितना कुछ वंशवादी नेताओं की जेब में।’’ उन्होंने नई कर प्रणाली का उल्लेख करते हुए कहा कि 15 लाख रुपये की वार्षिक आय पर प्रभावी कर 2023 में घटाकर 10 प्रतिशत किया गया और नई आयकर व्यवस्था के तहत इस साल भी इसे और कम किया गया है।

न्यू टैक्स रिजीम वाले भी कर रहे बचत

 

उन्होंने कहा कि इस बजट में वेतनभोगी वर्ग के लिए मानक छूट 50 हजार रुपये से 75 हजार रुपये की गई है और प्रभावी राहत 17,500 रुपये की मिल सकती है। सीतारमण ने कहा कि कोविड महामारी के बाद अधिकतर विकसित देशों ने आयकर बढ़ाया, लेकिन ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे स्पष्ट निर्देश दिया था कि कोविड खर्च के लिए नागरिकों पर कोई कर नहीं लगाया जाए। हमने इन वर्षों में कर बिल्कुल नहीं बढ़ाया। पिछले दो साल में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी गई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि ऐसे सभी उपायों से मध्यम वर्ग को निश्चित रूप से फायदा होगा।’’ वित्त मंत्री ने ‘विवाद से विश्वास’ योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे भी एमएसएमई, छोटी कंपनियों और आम लोगों को राहत मिली है और यह भी मध्यम वर्ग है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप के लिए ‘एंजल टैक्स’ को हटाने से बड़ी राहत मिली है। वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 2012 में (संप्रग सरकार में) यह कर लाया गया था और जो लोग इसे लाए, वे ही इसे शोषण वाला कर बताकर हटाने की मांग कर रहे थे।

इस बार 58.57 लाख लोगों ने पहली बार भरा ITR

सीतारमण ने कहा, ‘‘हमने दो साल तक इसे हटाने की दिशा में काम किया और इस साल बजट में इसे समाप्त कर दिया।’’ उन्होंने कहा कि 2013 में आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद इसके प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) का समय 93 दिन था जिसे घटाकर 10 दिन कर दिया गया है। सीतारमण ने नई कर प्रणाली का उल्लेख करते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में 31 जुलाई तक आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले 7.22 करोड़ करदाताओं में से 72 प्रतिशत यानी 5.25 करोड़ ने नई कर प्रणाली को अपनाया है। उन्होंने कहा, ‘‘इसका यह मतलब नहीं है कि नई कर प्रणाली में आने वाले बचत नहीं कर रहे। वे बचत भी कर रहे हैं।’’ उन्होंने सदन को यह भी बताया कि इस बार 58.57 लाख करदाता ऐसे रहे जिन्होंने पहली बार आयकर रिटर्न दाखिल किया। सीतारमण ने कहा, ‘‘इससे संकेत मिलता है कि देश में कर आधार बढ़ रहा है।’’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हमारे कर प्रस्ताव निवेश लाने, रोजगार बढ़ाने और विकास करने वाले हैं।’’ उन्होंने विपक्ष के कुछ सदस्यों के बयानों का उल्लेख करते हुए कहा कि कॉरपोरेट का कर कम करने की धारणा गलत है। वित्त मंत्री ने कहा कि म्यूचुअल फंड में निवेश बढ़ा है और 2019 से हर महीने औसतन 17.88 लाख नए पोर्टफोलियो बढ़ रहे हैं तथा आज देश में करीब चार करोड़ म्यूचुअल फंड निवेशक हैं।

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