ITR refund: आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2024 को समाप्त हो गई है। इस बार रिकॉर्ड 7.28 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए गए, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक है। अब लाखों करदता रिटर्न फाइल करने के बाद रिफंड का इंतजार कर रहे हैं। हो सकता है कि आप भी उनमें से एक हो जो अपने रिफंड के इंतजार कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि आपके खाते में कब टैक्स रिफंड का पैसा जमा हो सकता है।
टैक्स रिफंड क्या होता है?
आयकर रिफ़ंड से तात्पर्य उस रिफंड राशि से है जो आयकर विभाग द्वारा तब भुगतान की जाती है जब भुगतान की गई टैक्स की राशि वास्तविक देय राशि से अधिक होती है। टैक्स की राशि का भुगतान TDS (स्रोत पर कर कटौती), TCS (स्रोत पर एकत्रित कर), अग्रिम कर या स्व-मूल्यांकन कर के माध्यम से किया जा सकता है। आयकर विभाग द्वारा मूल्यांकन के समय सभी कटौतियों और छूटों को ध्यान में रखते हुए कर की गणना की जाती है। उदाहरण के लिए, अगर आपका बकाया आयकर वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ₹5 लाख था, लेकिन आपके द्वारा भुगतान किया गया कुल TDS और TCS ₹5.6 लाख हो गया, तो आयकर विभाग (ITD) आपको ₹60,000 (₹5.6 लाख - ₹5 लाख) का रिफंड जारी करेगा।
खाते में कब आएगा रिफंड का पैसा?
आपको बता दें कि आयकर रिफंड की प्रोसेसिंग तभी शुरू होती है जब टैक्सपेयर द्वारा रिटर्न को ई-वेरिफाई किया जाता है। आम तौर पर, करदाता के खाते में रिफंड जमा होने में 4 से 5 सप्ताह का समय लगता है। यह समय अवधि 31 जुलाई से शुरू नहीं होती है, बल्कि उस दिन से शुरू होती है जिस दिन आप अपना टैक्स रिटर्न सत्यापित करते हैं। इस बार विभाग आईटीआर की प्रोसेसिंग में समय ले रहा है, जिससे रिफंड में देरी हो रही है। अगर आपने इनकम टैक्स रिफंड फाइल कर उसे ई-वेरिफाई कर दिया है तो आपके खाते में पैसा अगले 4 से 5 सप्ताह में आ सकता है। हो सकता है कि इससे पहले भी अकाउंट में पैसा जमा हो जाए। वहीं, अगर आयकर विभाग के स्क्रूटनी में आपके रिटर्न में कोई खामी पाई जाती है तो रिटर्न मिलने में देरी हो सकती है। आयकर विभाग फिर आपको अपडेटेड रिटर्न फाइल करने को बोलेगा। उसके बाद स्क्रूटनी होगी। फिर रिफंड जारी किया जाएगा।