वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स भरने के लिए अब सिर्फ तीन दिन बचे हैं। अगर आपने अभी तक ओल्ड या न्यू टैक्स रिजीम लेकर कन्फ्यूजन हैं कि किसे चुनें और अपना रिटर्न फाइल नहीं किया है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम आपको बता रहे हैं कि अगर आपकी आय 10 लाख रुपये के आसपास है तो आपको कौन सा टैक्स रिजीम चुनना चाहिए। साथ ही यह बताएंगे कि कैसे आप 10 लाख की आय को इनकम टैक्स फ्री कर सकते हैं। यानी आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।
बजट में न्यू टैक्स रिजीम में किया गया बदलाव
बजट 2024 में न्यू टैक्स रिजीम में बड़े बदलाव किए गए हैं, जिससे टैक्सपेयर्स के लिए यह ज्यादा आकर्षक हो गया है। इस साल के बजट में घोषित नई कर व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया गया है। टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है। साथ ही प्रति वर्ष ₹7 लाख तक की आय वाले व्यक्तियों को आयकर का भुगतान करने से छूट दी जाएगी। इन बदलावों का उद्देश्य करदाताओं को राहत प्रदान करना और कर प्रणाली को सरल बनाना है।
10 लाख आय तो ओल्ड टैक्स रिजीम चुनना फायदेमंद
₹10 लाख तक आय है तो टैक्स सेविंग के लिए ओल्ड टैक्स रिजीम चुनना फायदेमंद रहेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि पुरानी व्यवस्था में कटौती और छूट की एक व्यापक श्रृंखला उपलब्ध है। आप आसानी से नीचे दिए निवेश माध्यम को अपनाकर अपनी इनकम को पूरी तरह टैक्स फ्री कर सकते हैं।
धारा 80C: PPF, EPF, ELSS और अन्य टैक्स सेविंग विकल्पों में निवेशक कर 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट पा सकते हैं। इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), 5 साल की एफडी, जीवन बीमा प्रीमियम, बच्चों की ट्यूशन फीस, होम लोन पर मूलधन के भुगतान पर भी टैक्स छूट मिलती है। ओल्ड टैक्स रिजीम में 50 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को घटाकर आप ₹9.50 लाख की आय में से अतिरिक्त ₹1.50 लाख निवेश कर बचत कर सकते हैं। इसके बाद आपकी कर योग्य आय ₹8 लाख होगी।
धारा 80CCD (1B): धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख की सीमा के अलावा, NPS टियर I खाते में योगदान धारा 80CCD (1B) के तहत ₹50,000 तक की अतिरिक्त टैक्स छूट मिलती है। टैक्स ब्रैकेट के आधार पर, आप NPS में ₹50,000 तक का निवेश करके करों पर अधिक पैसा बचा सकते हैं। इस मामले में, ₹8 लाख में से ₹50,000 घटाने के बाद कर योग्य आय ₹7.50 लाख होगी।
होम लोन ब्याज पर छूट: धारा 24बी के तहत आप होम लोन के ब्याज चुकाने पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 24(बी) घर के मालिकों को उनके गृह ऋण पर चुकाए गए ब्याज पर ₹2 लाख तक की कटौती का दावा करने की अनुमति देती है। यह उनकी कर योग्य आय को काफी हद तक कम कर सकता है और बदले में, उनकी कर देयता को कम कर सकता है। इस छूट का लाभ लेने पर ₹7.50 लाख में से ₹2 लाख घटाने के बाद कर योग्य आय ₹5.50 लाख होगी।
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट: धारा 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में ₹25,000 तक की कटौती की जा सकती है। अगर आप या आपका जीवनसाथी वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष या उससे अधिक आयु) हैं, तो आप अतिरिक्त ₹25,000 की कटौती कर सकते हैं, जिससे कुल कटौती की जाने वाली राशि ₹50,000 हो जाती है। आप अपने आश्रित बच्चों, जीवनसाथी और अपने लिए नियमित चिकित्सा जांच से जुड़ी लागतों के लिए अतिरिक्त ₹5,000 की कटौती भी कर सकते हैं।
धारा 80डी के तहत अधिकतम कटौती ₹25,000 या ₹50,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) है, जो आपकी आयु पर निर्भर करता है। कर योग्य आय ₹5.50 लाख में से ₹75,000 घटाने के बाद आपकी आय ₹4.75 लाख रह जाती है। ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत आपको कोई टैक्स देना नहीं होगा क्योंकि ₹5 लाख तक की आय कर-मुक्त है। इस रणनीति से आप प्रभावी रूप से ₹10 लाख तक कर-मुक्त कमा सकते हैं।