इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। इससे पहले वित्त वर्ष 2023-24 में अर्जित आय के लिए करीब छह करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने मंगलवार को यह जानकारी दी। भाषा की खबर के मुताबिक, मल्होत्रा ने यह भी बताया कि अब तक फाइल किए गए कुल आईटीआर फाइलिंग में 70 प्रतिशत रिटर्न नई टैक्स व्यवस्था के तहत की गई है।
नई टैक्स व्यवस्था को मिला पूरा सपोर्ट
खबर के मुताबिक, राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक बजट-पश्चात सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि इस बात को लेकर आशंकाएं जताई जा रही थीं कि लोग सरलीकृत नई टैक्स व्यवस्था को अपनाएंगे या नहीं। मल्होत्रा ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के लिए करीब छह करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए जिनमें से 70 प्रतिशत नए आयकर व्यवस्था के तहत दाखिल किए गए हैं। यह पूरा कदम सरलीकरण की दिशा में उठाया गया है, जिसका आखिरी मकसद टैक्स अनुपालन बोझ को कम करना है।
दोनों टैक्स व्यवस्था में क्या है अंतर
राजस्व सचिव के मुताबिक, इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 8.61 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए गए थे। उन्होंने कहा कि बजट में घोषित व्यापक आयकर समीक्षा के पीछे का विचार कर कानून को सरल बनाना है। मल्होत्रा ने कहा कि हम एक मसौदा तैयार करेंगे और फिर सुझाव मांगेंगे।
भारत में इस समय व्यक्तिगत आयकर की दो व्यवस्थाएं हैं। पुरानी आयकर व्यवस्था में टैक्स की दरें अपेक्षाकृत ज्यादा हैं, लेकिन टैक्सपेयर (करदाता) को कई तरह की छूट और कटौतियों का दावा करने का विकल्प है। वहीं नई कर व्यवस्था में टैक्स की दरें कम हैं, लेकिन छूट या कटौतियों का दावा करने का विकल्प नहीं है।