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HRA क्लेम के लिए PAN का हो रहा गलत इस्तेमाल, IT डिपार्टमेंट ने लगाया धोखाधड़ी का पता

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पहली बार अधिकारियों को एक व्यक्ति द्वारा लगभग 1 करोड़ रुपये की कथित किराया रसीदें मिलीं। अधिकारी अब उन कर्मचारियों के पीछे जा रहे हैं, जिन्होंने टैक्स वसूलने के लिए फर्जी दावे किए हैं।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Apr 01, 2024 11:12 IST, Updated : Apr 01, 2024 11:12 IST
बहुत से कर्मचारी किराये की आय पर टैक्स का भुगतान करने से बचने के लिए लाभ का दुरुपयोग कर रहे हैं।
Photo:FILE बहुत से कर्मचारी किराये की आय पर टैक्स का भुगतान करने से बचने के लिए लाभ का दुरुपयोग कर रहे हैं।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (आयकर विभाग) ने मकान किराया भत्ते यानी (एचआरए) का क्लेम करने के लिए स्थायी खाता संख्या (पैन) के गलत इस्तेमाल से जुड़े फर्जीवाड़े का पता लगाया है। चौंकाने वाली बात इसमें यह है कि ऐसे लोग किरायेदार भी नहीं थे। आयकर विभाग ने अभी तक 8,000-10,000 हाई वैल्यू के ऐसे मामलों का पता लगाया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, इनका अमाउंट 10 लाख रुपये से भी अधिक है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पहली बार अधिकारियों को एक व्यक्ति द्वारा लगभग 1 करोड़ रुपये की कथित किराया रसीदें मिलीं।

जांच में खुलासे ने चौंकाया

खबर के मुताबिक, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का जब उस व्यक्ति से सामना हुआ तो जिस व्यक्ति के पैन में किराये की इनकम दिखाई देती थी, उसने किसी भी जानकारी से ही इनकार कर दिया। उसने साफ कहा कि मुझे कुछ नहीं पता। आगे जब जांच हुई तो पता चला उस व्यक्ति को वास्तव में वह किराया नहीं मिला जो उसके नाम के सामने दिखाया गया था। इससे डिपार्टमेंट को और शक हुआ तो जांच को आगे बढ़ाया गया। इसमें पाया गया कि बेईमान व्यक्तियों द्वारा अपने नियोक्ताओं (कंपनियों) से टैक्स कटौती का दावा करने के लिए पैन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया गया था। अधिकारियों के सामने अब ऐसे मामले भी आए हैं जहां कुछ कंपनियों के कर्मचारियों ने कर कटौती का दावा करने के लिए एक ही पैन का इस्तेमाल किया है।

फर्जीवाड़ा करने वाले कर्मचारियों के पीछे डिपार्टमेंट

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी अब उन कर्मचारियों के पीछे जा रहे हैं, जिन्होंने टैक्स वसूलने के लिए फर्जी दावे किए हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी योजना है। इस मामले में, जिसने मामले को जटिल बना दिया है वह यह है कि वर्तमान में टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) सिर्फ 50,000 रुपये से अधिक के मासिक किराए या 6 लाख रुपये से अधिक के वार्षिक भुगतान पर लागू है। इसलिए, बहुत से कर्मचारी किराये की आय पर टैक्स का भुगतान करने से बचने के लिए लाभ का दुरुपयोग कर रहे हैं।

गलती पूरी तरह से कर्मचारी की

टैक्स अधिकारियों ने कहा कि गलती पूरी तरह से कर्मचारी की है और अगर कई व्यक्ति किराए के भुगतान के लिए एक ही पैन का हवाला देते हैं तो भी नियोक्ता को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है। कंपनियों से गहन जांच की अपेक्षा नहीं की जाती है, लेकिन एचआरए छूट की अनुमति देने के लिए भुगतान किए गए किराए का सर्टिफिकेट हासिल करते समय उचित जांच और संतुलन रखने का दायित्व भी उन पर है। कुछ मामलों में, नियोक्ताओं की अपनी नीति होती है। जहां कोई भी कर्मचारी एचआरए या एलटीए आदि के लिए फर्जी दावा पेश करते हुए पकड़ा जाता है, ऐसे कर्मचारी को रोजगार से बर्खास्त किया जा सकता है।

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