सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये दावा किया जा रहा है कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख अब बढ़कर 31 अगस्त कर दी गई है। सरकार ने इस दावे को फेक बताया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि उसने आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि नहीं बढ़ाई है। आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2024 है। आईटीआर दाखिल करने की तिथि 31 अगस्त, 2024 तक नहीं बढ़ाई गई है। यह भ्रम तब पैदा हुआ जब सोशल मीडिया पर साझा की गई प्रेस रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया की एक सलाह को ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि में विस्तार के रूप में गलत समझाया गया।
PIB फैक्ट चेक ने क्या पोस्ट किया गया
पीआईबी ने एक पोस्ट में कहा, "सोशल मीडिया पर साझा किए गए प्रेस रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के कार्यालय के एक परामर्श को आईटीआर दाखिल करने की नियत तारीख के विस्तार के रूप में गलत जानकारी साझा की गई है।"
#PIBFactCheck
✔️यह सलाह ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि में विस्तार से संबंधित नहीं है।
✔️ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 है।
पोस्ट में यह भी कहा गया है कि जारी की गई पिछली एडवाइजरी आईटीआर फाइलिंग की नियत तारीख से संबंधित नहीं थी।
इसमें कहा गया है, "एडवाइजरी आईटीआर फाइलिंग की तारीख बढ़ाने से संबंधित नहीं है।" पीआईबी ने यह भी स्पष्ट किया कि आईटीआर फाइल करने की नियत तारीख 31 जुलाई, 2024 है।
पोस्ट में लिखा है, "आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 है।"
यह जानकारी साझा की गई थी
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत भारत के प्रेस रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय ने 25 जुलाई को वित्त वर्ष 24 के लिए प्रेस सेवा पोर्टल के माध्यम से वार्षिक विवरणों की ई-फाइलिंग के संबंध में एक एडवाइजरी जारी की थी। एडवाइजरी के अनुसार, सरकार ने वार्षिक विवरणों की ई-फाइलिंग की तिथि 31 अगस्त, 2024 तक बढ़ा दी है।
प्रेस और आवधिक पंजीकरण अधिनियम 2023 के तहत पंजीकृत प्रकाशनों को वार्षिक रिटर्न दाखिल करना होता है। वार्षिक विवरण किसी विशेष मुद्रण वर्ष में समाचार पत्रों के प्रचलन का रिकॉर्ड होता है। वार्षिक रिटर्न ऑनलाइन प्रेस सेवा पोर्टल के माध्यम से भरा जा सकता है।
वर्तमान में, वित्त वर्ष 24 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) जमा करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2024 है। इस तिथि के बाद ITR दाखिल करने पर जुर्माना लगेगा, जो विभिन्न आय स्तरों के आधार पर अलग-अलग होता है। सरकार ने संरचना को सरल बनाने और करदाताओं के लिए कर का बोझ कम करने और आसानी से रिटर्न दाखिल करने के लिए नई कर व्यवस्था शुरू की।