वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को टैक्स अधिकारियों से कहा कि वे टैक्सपेयर्स (करदाताओं) को आसान भाषा में नोटिस भेजें। उन्होंने कहा है कि नोटिस या पत्रों में सरल शब्दों का इस्तेमाल करें और कानून की तरफ से दी गई शक्तियों का विवेकपूर्ण ढंग से इस्तेमाल करें। भाषा की खबर के मुताबिक, सीतारमण ने 165वें आयकर दिवस पर यहां आयोजित एक समारोह में कहा कि चेहरा-रहित आकलन व्यवस्था लागू होने के बाद टैक्स अधिकारियों को अब करदाताओं के साथ ज्यादा निष्पक्ष और मैत्रीपूर्ण व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि टैक्स नोटिस से करदाताओं के मन में डर की भावना नहीं पैदा होनी चाहिए।
रिफंड तेजी से जारी करने में सुधार की गुंजाइश
खबर के मुताबिक, वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स नोटिस सरल और साफ होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि नोटिस में करदाता को यह एकदम स्पष्ट कर देना चाहिए कि उसे किस कारण से नोटिस भेजा जा रहा है। इसके साथ ही सीतारमण ने कहा कि आयकर रिफंड तेजी से जारी करने में सुधार की गुंजाइश है। वित्त मंत्री ने करदाताओं के साथ व्यवहार में अनियमित तरीके अपनाने से बचने का टैक्स अधिकारियों से आग्रह करते हुए कहा कि उनकी कार्रवाई मुद्दे के अनुपात में ही होनी चाहिए।
दायित्वों का निर्वहन जारी रखना चाहिए
अधिकारियों से वित्त मंत्री ने कहा है कि वे प्रवर्तन उपायों का उपयोग केवल अंतिम माध्यम के रूप में करें और विभाग का लक्ष्य स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देने का होना चाहिए। इसके साथ ही सीतारमण ने कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को अधिक मित्रवत और पारदर्शी होने की उनकी बात का मतलब यह नहीं है कि टैक्स अधिकारी इन सभी वर्षों में अनुचित थे।
सीतारमण ने कहा कि क्या हम सरल और समझने में आसान नोटिस भेजने के बारे में सोच सकते हैं? आप कारण बताएं कि नोटिस में कार्रवाई क्यों की गई और नोटिस क्यों भेजा जा रहा है। वित्त मंत्री ने कर विभाग के साथ अपना समर्थन जताते हुए कहा कि कर अधिकारियों को अपने दायित्वों का निर्वहन जारी रखना चाहिए।