उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने केंद्रीय बजट आने से पहले स्टार्टअप कंपनियों पर से एंजल टैक्स हटाने की सिफारिश की है। लेकिन इस पर वित्त मंत्रालय अंतिम निर्णय करेगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह बात कही है। आयकर विभाग ने पिछले साल सितंबर में नए एंजल कर नियमों को अधिसूचित किया था जिसमें निवेशकों को गैर-सूचीबद्ध स्टार्टअप की तरफ से जारी शेयरों का मूल्यांकन करने की एक व्यवस्था भी शामिल है।
क्या होता है एंजल टैक्स
उचित बाजार मूल्य से ऊपर किसी स्टार्टअप के शेयरों की बिक्री से हासिल पूंजी पर लगने वाले कर को एंजल कर कहा जाता है। पहले एंजल कर केवल स्थानीय निवेशकों पर लागू होता था, लेकिन पिछले वित्त वर्ष के बजट ने विदेशी निवेश को शामिल करने के लिए इसका दायरा बढ़ा दिया था। डीपीआईआईटी के सचिव राजेश कुमार सिंह ने एंजल कर हटाने की उद्योग की मांग से संबंधित एक सवाल पर कहा, "स्टार्टअप परिवेश के साथ परामर्श के आधार पर हमने पहले भी इसकी सिफारिश की है और मुझे लगता है कि हमने इस बार भी इसकी सिफारिश की है, लेकिन अंततः वित्त मंत्रालय इस पर एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाएगा।"
अतिरिक्त प्रीमियम को 'स्रोतों से आय' माना जा रहा
बजट अनुशंसाओं के मुताबिक, अतिरिक्त प्रीमियम को 'स्रोतों से आय' माना जाएगा और इस पर 30 प्रतिशत से अधिक की दर से कर लगाया जाएगा। हालांकि, डीपीआईआईटी द्वारा पंजीकृत स्टार्टअप नए मानदंडों से मुक्त हैं। अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार (ईवी) कंपनी टेस्ला के भारत आने से संबंधित सवाल पर सिंह ने कहा, "हमने उनसे आखिरी बार आम चुनाव के नतीजों की घोषणा वाले सप्ताह में सुना था। भारी उद्योग मंत्रालय की तरफ से ईवी के लिए जारी दिशानिर्देशों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया चल रही है। मुझे लगता है कि उनके पास और सवाल हो सकते हैं।’’ अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की अगुवाई वाली टेस्ला के भारत में प्लांट लगाने की संभावनाओं को लेकर कई महीनों से चर्चा चल रही है।