देश में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (direct tax collection) नई ऊंचाई पर है। चालू वित्त वर्ष में 9 अक्टूबर तक भारत का सालाना आधार पर डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 21.82 प्रतिशत बढ़कर 9.57 लाख करोड़ रुपये हो गया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को इसके आंकड़े जारी किए हैं। IANS की खबर के मुताबिक, प्रत्यक्ष कर संग्रह के अनंतिम आंकड़ों से संकेत मिलता है कि सकल संग्रह 11.07 लाख करोड़ रुपये था, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान सकल संग्रह से 17.95 प्रतिशत ज्यादा था।
सकल राजस्व संग्रह
खबर के मुताबिक, आंकड़ों बताते हैं कि सकल राजस्व संग्रह के मामले में कॉर्पोरेट आयकर (सीआईटी) की ग्रोथ रेट 7.30 प्रतिशत और व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) की ग्रोथ रेट 29.53 प्रतिशत रही। जहां तक सकल राजस्व संग्रह के संदर्भ में कॉर्पोरेट आयकर (सीआईटी) और व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) की ग्रोथ रेट का सवाल है, सीआईटी के लिए विकास दर 7.3 प्रतिशत है जबकि पीआईटी के लिए 29.53 प्रतिशत (केवल पीआईटी) है। सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स को मिलाकर पीआईटी की ग्रोथ रेट 29.08 प्रतिशत है।
कॉर्पोरेट इनकम टैक्स कलेक्शन
वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि रिफंड के एडजस्टमेंट के बाद, कॉर्पोरेट आयकर (सीआईटी) संग्रह में शुद्ध वृद्धि 12.39 प्रतिशत है और पीआईटी संग्रह में 32.51 प्रतिशत (केवल पीआईटी)/31.85 प्रतिशत (एसटीटी सहित पीआईटी) है। खबर के मुताबिक, विशेष तौर पर कंपनियों और व्यक्तिगत करदाताओं की तरफ से शानदार योगदान के चलते शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (direct tax collection) बढ़ा है।