![प्रॉपर्टी पर टैक्स](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/paisa-new-lazy-big-min.jpg)
आयकर विभाग ने कहा है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की गणना के उद्देश्य से वर्ष 2001 से पहले खरीदी गयी अचल संपत्तियों के अधिग्रहण की लागत एक अप्रैल 2001 तक उचित बाजार मूल्य (एफएमवी, स्टांप ड्यूटी मूल्य से अधिक नहीं) या भूमि या भवन की वास्तविक लागत होगी। सरकार ने मंगलवार को आम बजट में अचल संपत्तियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) टैक्स को 20 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत करने के साथ ही अप्रैल, 2001 के बाद खरीदी गई संपत्तियों के मुद्रास्फीति समायोजन (इंडेक्सेशन) से जुड़े लाभ को हटाने का प्रस्ताव रखा।
क्या है नियम
वर्ष 2001 से पहले खरीदी गई संपत्तियों के मामले में, उचित बाजार मूल्यांकन (स्टांप ड्यूटी मूल्य से अधिक नहीं) को मुद्रास्फीति समायोजन मूल्य निर्धारित करने के लिए आधार बनाया जा सकता है। मुद्रास्फीति समायोजन के बाद मूल्य को एलटीसीजी की गणना के लिए बिक्री मूल्य से घटा दिया जाएगा और फिर 20 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। आयकर विभाग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि वर्ष 2001 से पहले खरीदी गई संपत्तियों के लिए एक अप्रैल 2001 तक अधिग्रहण की लागत के बारे में मुद्दा उठाया गया है। विभाग ने कहा है कि एक अप्रैल 2001 से पहले खरीदी गई संपत्तियों (भूमि या भवन या दोनों) के लिए एक अप्रैल 2001 के मूल्य के हिसाब से खरीद लागत, या एक अप्रैल 2001 को ऐसी परिसंपत्ति का उचित बाजार मूल्य (जहां भी उपलब्ध हो, स्टांप शुल्क मूल्य से अधिक नहीं) उस परिसंपत्ति के अधिग्रहण की लागत होगी। विभाग ने गुरुवार रात को जारी सूचना में कहा, ‘‘करदाता दोनों में से एक विकल्प चुन सकते हैं।’’
आयकर विभाग ने उदाहरण से समझाया
आयकर विभाग ने एक उदाहरण के साथ समझाने की कोशिश की है कि 2001 से पहले खरीदी गई संपत्तियों के मामले में पूंजीगत लाभ कर की गणना किस तरह की जाएगी। उसने एक संपत्ति का उदाहरण दिया, जिसकी 1990 में अधिग्रहण की लागत पांच लाख रुपये थी और एक अप्रैल 2001 को इसका स्टांप शुल्क मूल्य 10 लाख रुपये और एफएमवी 12 लाख रुपये था। यदि इसे 23 जुलाई 2024 को या उसके बाद एक करोड़ रुपये में बेचा जाता है, तो एक अप्रैल 2001 तक अधिग्रहण की लागत 10 लाख रुपये (स्टाम्प ड्यूटी या एफएमवी में से जो भी कम हो) होगी। वित्त वर्ष 2024-25 में इस अधिग्रहण की मुद्रास्फीति समायोजन लागत 36.3 लाख रुपये (10 लाख रुपये गुणा 363/100) है। 363 वित्त वर्ष 2024-25 के लिए लागत मुद्रास्फीति सूचकांक है। इस सूचकांक को आयकर विभाग अधिसूचित करता है।
कितना बनेगा टैक्स
इस मामले में एलटीसीजी 63.7 लाख रुपये (एक करोड़ रुपये में से 36.3 लाख रुपये घटाकर) बैठता है। इस तरह 20 प्रतिशत की दर पर, ऐसी संपत्तियों के लिए एलटीसीजी कर 12.74 लाख रुपये बनेगा। वहीं, नई व्यवस्था में एलटीसीजी 90 लाख रुपये (एक करोड़ में से लागत 10 लाख रुपये घटाने) आंका जाएगा और इस पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर 12.5 प्रतिशत हिसाब से 11.25 लाख करोड़ रुपये बैठेगा।