बकाये टैक्स चुकाने की चिंता कर रहे टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए सरकार एक बार फिर ‘विवाद से विश्वास 2.0’ स्कीम लेकर आई है। इस स्कीम की शुरुआत अगले महीने की पहली तारीख से होगी। इस स्कीम में बाकाये टैक्स चुकाने पर बड़ी छूट दी जाएगी। आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में आयकर विवादों के मामले में लंबित अपीलों को हल करने के लिए प्रत्यक्ष कर ‘विवाद से विश्वास’ योजना 2024 की घोषणा की थी। यह योजना एक अक्टूबर, 2024 से लागू होगी।
टैक्स पर मिलेगी छूट
आयकर विभाग ने शनिवार को कहा कि उसने विवाद समाधान योजना ‘विवाद से विश्वास 2.0’ को अधिसूचित किया है। यह योजना 31 दिसंबर, 2024 को या उससे पहले घोषणा पत्र दाखिल करने वाले करदाताओं के लिए उसके बाद दाखिल करने वालों की तुलना में कम निपटान राशि की पेशकश करती है। इसके अलावा, योजना को सक्षम करने के लिए नियम और प्रपत्र भी अधिसूचित किए गए हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि इस योजना में ‘पुराने अपीलकर्ता’ की तुलना में ‘नए अपीलकर्ता’ के लिए कम निपटान राशि का प्रावधान है। इस योजना में 31 दिसंबर 2024 को या उससे पहले घोषणा दाखिल करने वाले करदाताओं के लिए उसके बाद दाखिल करने वालों की तुलना में कम निपटान राशि का प्रावधान है।
चार अलग-अलग फॉर्म नोटिफाई किए गए
फॉर्म -1: घोषणाकर्ता द्वारा घोषणा और वचनबद्धता दाखिल करने के लिए प्रपत्र। फॉर्म-2: निर्दिष्ट प्राधिकारी द्वारा जारी किए जाने वाले प्रमाणपत्र के लिए प्रपत्र। फॉर्म -3: घोषणाकर्ता द्वारा भुगतान की सूचना के लिए फॉर्म। फॉर्म-4: निर्दिष्ट प्राधिकारी द्वारा कर बकाया के पूर्ण और अंतिम निपटान के लिए आदेश। योजना में यह भी प्रावधान है कि प्रत्येक विवाद के लिए फॉर्म-1 अलग से दाखिल किया जाएगा, बशर्ते कि जहां अपीलकर्ता और आयकर प्राधिकारी दोनों ने एक ही आदेश के संबंध में अपील दाखिल की हो, ऐसे मामले में एकल फॉर्म-1 दाखिल किया जाएगा। भुगतान की सूचना फॉर्म-3 में दी जानी है और इसे अपील, आपत्ति, आवेदन, रिट याचिका, विशेष अनुमति याचिका या दावे को वापस लेने के प्रमाण के साथ निर्दिष्ट प्राधिकारी को प्रस्तुत किया जाना है।
फॉर्म-1 और फॉर्म-3 को घोषणाकर्ता द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तुत किया जाएगा। ये फॉर्म आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध कराए जाएंगे। यह योजना मुकदमेबाजी को कम करने की दिशा में एक कदम है। आपको बता दें कि विभिन्न कानूनी मंचों पर लगभग 2. 7 करोड़ प्रत्यक्ष कर मांगों पर विवाद चल रहा है, जिनकी कुल राशि लगभग 35 लाख करोड़ रुपये है। प्रत्यक्ष करों के तहत मामलों के लिए पहली 'विवाद से विश्वास' योजना सरकार द्वारा 2020 में लाई गई थी। लगभग 1 लाख करदाताओं ने इस योजना का लाभ उठाया और सरकार ने लगभग 75,000 करोड़ रुपये का कर अर्जित किया था।