सरकार ने करदाताओं को बड़ी राहत दी है। सरकार ने एक संशोधन पेश किया है, जिसके तहत करदाता 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदी गई संपत्ति पर या तो 12.5% की बिना इंडेक्सेशन वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) की दर या फिर 20% की इंडेक्सेशन वाली दर चुन सकते हैं। ईटी नाउ की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसे वित्त विधेयक में संशोधनों की सूची में शामिल किया गया है। केंद्र का यह कदम रियल एस्टेट क्षेत्र की ओर से मिली प्रतिक्रिया के बाद आया है। हितधारकों ने सरकार को आगाह किया था कि रियल एस्टेट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स पर इंडेक्सेशन लाभ हटाने के प्रस्ताव से इस क्षेत्र की ग्रोथ प्रभावित होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट 2024 में सरकार ने घर मालिकों के लिए इंडेक्सेशन लाभ खत्म करने का प्रस्ताव रखा था।
बजट में यह था प्रस्ताव
बजट 2024 में प्रस्तावित बदलाव का मतलब है कि प्रॉपर्टी बेचने से लाभ कमाने वाले घर मालिकों को अब पूरी लाभ राशि पर कर देना होगा, न कि मुद्रास्फीति समायोजित लाभ पर। इंडेक्सेशन का उपयोग किसी निवेश के खरीद मूल्य को उस पर मुद्रास्फीति के प्रभाव को दर्शाने के लिए समायोजित करने के लिए किया जाता है। पहले, इंडेक्सेशन लाभों से घर मालिकों को प्रॉपर्टी का लागत आधार बढ़ाने की अनुमति मिलती थी, ताकि मुद्रास्फीति के प्रभाव को ध्यान में रखा जा सके, जिससे शुद्ध लाभ और संबंधित कर देनदारी कम हो जाती थी। इंडेक्सेशन को खत्म करने से करदाताओं पर भारी कर बोझ पड़ने और प्रॉपर्टी डील्स में अवैध वित्तीय गतिविधियों में वृद्धि की आशंका बढ़ गई है।
इंडस्ट्री के लोगों ने जताया आभार
हिरानंदानी ग्रुप के चेयरमैन और नारेडको के अध्यक्ष डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने वित्त विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों के लिए वित्त मंत्री की सराहना की है, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को काफी कर राहत मिली है। डॉ. हीरानंदानी ने कहा, "सरकार की पहल, जिसके तहत करदाताओं को रियल एस्टेट लेनदेन पर या तो 12.5% बिना इंडेक्सेशन के या 20% इंडेक्सेशन के साथ कर की गणना करने का विकल्प दिया गया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है। यह राहत 23 जुलाई, 2024 से पहले अधिग्रहीत भूमि या भवन जैसी लंबी अवधि की पूंजीगत संपत्ति के हस्तांतरण पर लागू होती है। हम इन लाभकारी उपायों को लागू करने में वित्त मंत्री के दूरदर्शी दृष्टिकोण के लिए आभारी हैं।"