आर्टिफिशिल इंटेलीजेंस (एआई) को लेकर तमाम तरह की बातें होती हैं। इस बीच भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) के अध्यक्ष रंजीत कुमार अग्रवाल ने एआई को लेकर कहा है कि यह नई टेक्नोलॉजी चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए काफी मददगार साबित होगा। एक साथी की तरह, उनके काम आएगा। भाषा की खबर के मुताबिक, एआई से लेखा काम में मदद मिलेगी और इससे चार्टर्ड अकाउंटेंट को विश्लेषणात्मक काम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए काफी समय मिलेगा।
एआई के इस्तेमाल पर रूपरेखा लाएगी एक समिति
खबर के मुताबिक, आईसीएआई का अनुमान है कि अगले 20 से 25 साल में करीब 30 लाख चार्टर्ड अकाउंटेंट की जरूरत होगी। पिछले साल करीब 22,000 छात्रों ने चार्टर्ड अकाउटेंट की परीक्षा पास की। देश में चार्टर्ड अकाउंटेंट की काफी मांग है। पिछले साल करीब 22,000 छात्रों ने चार्टर्ड अकाउटेंट की परीक्षा पास की। आईसीएआई के अध्यक्ष ने कहा कि एआई के इस्तेमाल पर एक समिति अगले दो महीनों में एक रूपरेखा लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि एआई ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिससे काफी समय की बचत हो रही है।
एआई मानव बुद्धि से आगे नहीं निकल सकता
अग्रवाल का मानना है कि एआई चार्टर्ड अकाउंटेंट के पेशे के लिए मददगार साबित होने जा रहा है। इससे वे दूसरे विश्लेषणात्मक क्षेत्रों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। एआई चार्टर्ड अकाउंटेंट को बड़े क्षेत्रों में काम करने की अधिक गुंजाइश दे रहा है। एआई मानव बुद्धि से आगे नहीं निकल सकता। कई चार्टर्ड अकाउटेंट के नियामकीय जांच के दायरे में आने के बारे में उन्होंने ने कहा कि संस्थान ने चीजें संतुलित रखने के लिए कई उपाय किये हैं। अनुपालन नहीं करने के मामले में आईसीएआई ने सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की है।
चार्टर्ड अकाउटेंट के खिलाफ गलत शिकायत
अध्यक्ष ने कहा कि कई ऐसे मामले हैं जहां चार्टर्ड अकाउटेंट के खिलाफ गलत शिकायत की गई है। यह चिंता की बात है और इससे निपटने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं। कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय चार्टर्ड अकाउंटेंट के हितों की रक्षा के लिए गाइडलाइंस लेकर आएगा। अग्रवाल ने कहा कि यह जांच एजेंसियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) होगी। अग्रवाल ने कहा कि सालाना आधार पर लगभग 400-500 शिकायतें आती हैं। नियामक कुछ वित्त वर्षों के लिए एजुटेक कंपनी के वित्तीय खुलासों की जांच कर रहा है।