कारोबारियों को अब वापस करना होगा ज्यादा इनपुट टैक्स क्रेडिट, जानिए GST के किस नियम से मची खलबली
टैक्स | 09 Jul 2023, 12:24 PMजीएसटी परिषद की 11 जुलाई को होने वाली 50वीं बैठक में समिति की सिफारिशों पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।
जीएसटी परिषद की 11 जुलाई को होने वाली 50वीं बैठक में समिति की सिफारिशों पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।
Income Tax: अगर आप ITR फाइल कर चुके हैं और रिफंड के बारे में कुछ नहीं जानते हैं तो ये खबर आपकी मदद कर सकती है। आइए समझने की कोशिश करते हैं।
Wedding Gift Tax: अभी शादियों का सीजन चल रहा है। इस दौरान नवविवाहितों को वेडिंग गिफ्ट भी मिलता है। कुछ नियम को ध्यान में रख लिया जाए तो उसपर टैक्स नहीं देना पड़ता है।
ITR Return: 31 मार्च, 2023 तक 24.50 लाख से अधिक आईटीआर रिटर्न दाखिल किए गए हैं और अतिरिक्त टैक्स के रूप में लगभग 2,480 करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं। यह सब एक खास सिस्टम के चलते संभव हुआ है।
टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन ने इंडिया टीवी को बताया कि नई या पुरानी कर व्यवस्था का चुनाव करने से पहले हर व्यक्तिगत करदाता को अपना टैक्स लायबिलिटी और टैक्स सेविंग को देखना चाहिए।
ITR: टैक्सपेयर्स कई बार एफडी, आरडी, टैक्स सेविंग डिपॉजिट स्कीम, सेविंग अकाउंट डिपॉजिट इन्फ्रास्ट्रकचर बांड पर मिलने वाले इंटरेस्ट को रिटर्न फाइल करते वक्त नहीं भरते हैं।
आम तौर पर यह देखने को मिलता है कि नौकरी बदलने के बाद ज्यादातर कर्मचारी फॉर्म-16 लेना भूल जाते हैं। आप यह गलती न करें।
मध्य प्रदेश और केरल में 100 रुपए पर करीब 61 रुपए, राजस्थान में 60 रुपए, छत्तीसगढ़-कर्नाटक में 55 रुपए और पश्चिम बंगाल में 54 रुपए टैक्स के देने पड़ते हैं।
आयकर विभाग ने बताया कि 26 दिसंबर तक जमा हुए आयकर रिटर्न में 2.44 करोड़ रिटर्न आईटीआर-1 फॉर्म (सहज) हैं, जबकि 1.12 करोड़ रिटर्न आईटीआर-4 फॉर्म (सुगम) हैं।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रतिदिन दाखिल किए जाने वाले आयकर रिटर्न की संख्या चार लाख से अधिक हो गई है
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अब तक 2. 38 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। इसमें से 1. 68 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न (आईटीआर) संसाधित किए गए हैं,
सरकार वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर दाखिल करने की नियत तारीख दो बार बढ़ा चुकी है। करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है।
यदि आईटीआर पहले ही फाइल हो चुका है और कुछ जानकारी को आईटीआर में शामिल नहीं किया जा सका है तब इस मामले में रिटर्न को टीआईएस में दिखाई गई सही जानकारी के आधार पर संशोधित किया जा सकता है।
समस्याओं के चलते ही सरकार ने व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2021 कर दी है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के बयान के अनुसार कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में से रिफंड जारी किये जाने के बाद चालू वित्त वर्ष में एक अपैल से 22 सितंबर तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 74.4 प्रतिशत बढ़कर 5,70,568 करोड़ रुपये रहा है।
आयकर विभाग ने कहा, ‘‘केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अप्रैल, 2021 से छह सितंबर, 2021 के दौरान 26.09 लाख से ज्यादा करदाताओं को 70,120 करोड़ रुपये से ज्यादा का रिफंड जारी किया है।’’
मुख्य रूप से कंपनियों और देश के सबसे अमीर परिवारों के लिए उच्च करों के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा अमीरों को इसके दायरे में लाने का लक्ष्य है। हालांकि, कई सांसदों ने अर्थव्यवस्था पर इसके संभावित असर को लेकर संदेह जताया है।
पोर्टल पर करदाताओं की गतिवधियों की जानकारी देते हुए आयकर विभाग ने कहा कि सात सितंबर तक 8.83 करोड़ विशिष्ट करदाताओं ने पोर्टल पर ‘लॉगइन’ किया। सितंबर में औसतन प्रतिदिन 15.55 लाख करदाता पोर्टल पर ‘लॉगइन’ किये।
आयकर कानून नियम, 1962 में नियम 9डी जोड़ा गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि पीएफ खातों में अलग से खाते बनाने होंगे। इसमें भविष्य निधि में कर योग्य और गैर-कर योग्य योगदान और उस पर मिलने वाले ब्याज को अलग-अलग दिखाना होगा।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि लगातार आठ माह तक जीएसटी संग्रह का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था। उसके बाद जून, 2021 में यह घटकर इससे नीचे आ गया।
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