आयकर विभाग ने आयकरदाताओं को दिया तोहफा, नई ई-फाइलिंग वेबसाइट की शुरू
टैक्स | 08 Jun 2021, 12:55 PMअधिकारियों ने कहा कि वेबसाइट को स्थिर होने और करदाता आसानी से इसकी सभी नई खूबियों का लाभ उठा सकें इसमें थोड़ा समय लग सकता है।
अधिकारियों ने कहा कि वेबसाइट को स्थिर होने और करदाता आसानी से इसकी सभी नई खूबियों का लाभ उठा सकें इसमें थोड़ा समय लग सकता है।
नए पोर्टल को लॉन्च करने की तैयारियों और माइग्रेशन गतिविधि के लिए आयकर विभाग का मौजूदा पोर्टल एक जून से 6 जून तक 6 दिनों के लिए उपलब्ध नहीं होगा।
वित्त वर्ष 2020-21 में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 9.45 लाख करोड़ रुपये रहा, जो बजट में संशोधित अनुमान से पांच प्रतिशत अधिक है।
आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) सरल प्रारूप हैं, जिसका उपयोग बड़ी संख्या में अपेक्षाकृत कम आय वाले करदाता करते हैं।
सीबीडीटी ने कहा कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल आईटीआर फॉर्म्स फाइल करने के तरीके में भी कोई विशेष बदलाव नहीं किया गया है।
इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80सी के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति या संगठित हिन्दू परिवार 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का दावा कर सकता है।
इनकम टैक्स से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव किया गया है, जो 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगे।
अगर आपने अपने परिवार में बच्चों के साथ-साथ अपने लाइफ पार्टनर के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लिया है और उसका प्रिमियम भर रहें तो आप आसानी से सेक्शन 80D के तहत 25,000 रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं।
अगर आप अभी भी पुरानी टैक्स व्यवस्था में ही हैं तो इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत आप 1.5 लाख तक निवेश कर टैक्स छूट ले सकते हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ट्वीट कर बताया कि सीबीडीटी ने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 119 के तहत 11 जनवरी को एक आदेश पारित कर धारा 44एबी के तहत ऑडिट रिपोर्ट को फाइल करने की अंतिम तारीख आगे बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया है।
आयकर रिटर्न दाखिल करने में आ रही मुश्किलों को देखते हुए विभाग ने रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को बढ़ा दिया है। अब करदाता 10 जनवरी तक अपना रिटर्न भर सकेंगे
आयकर विभाग ने साफ किया कि आयकरदाताओं को रिटर्न दी गई तारीख तक भरना है हालांकि आधार ओटीपी या दूसरे माध्यम के जरिए ई-वेरिफिकेशन रिटर्न फाइल करने के 120 दिनों तक किया जा सकता है।
व्यक्तिगत करदाताओं द्वारा वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा 31 दिसंबर, 2020 को समाप्त हो रही है।
लास्ट डेट से पहले ITR फाइल करने के कई फायदे हैं। समय से पहले ITR दाखिल करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें किसी प्रकार की गलती होने पर इसे सुधारने का मौका मिल जाता है और टैक्सपेयर पेनाल्टी और नोटिस से बच जाते हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया था कि वह 14 दिसंबर तक 1.02 करोड़ से अधिक करदाताओं को 1.48 लाख करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड कर चुका है।
कोविड-19 के दौर में करदाताओं को राहत देने के लिए सरकार मई के बाद से बार-बार आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को आगे खिसका रही है।
ऑनलाइन प्रक्रिया में आपको कई तरह की जानकारी भरनी पड़ती है और अलग-अलग स्टेप्स को फॉलो करना होता है, ऐसे में इस बात के काफी चांजेस होते हैं कि गलती से कोई गलती हो जाए।
स्कीम के लिए अंतिम तारीख को 3 महीने बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया है। पहले इस स्कीम की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2020 की थी, हालांकि अब ये तारीख बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दी गई है। इस स्कीम के तहत करदाता कोई भी अतिरिक्त भुगतान के बिना अपने पुराने टैक्स विवाद का निपटारा कर सकता है।
आयकर सर्वे के लिए अधिकारी करदाताओं के ठिकानों पर जा कर उनके लेखा खातों, इलेक्ट्रानिक साधनों में रखी गई सूचनाओं को खंगालते हैं। सीबीडीटी के अनुसार यह कदम तभी उठाया जाना चाहिये जब ब्योरा हासिल करने, आनलाइन रिकवरी जैसे अन्य सभी तरीके अपनाये जा चुके हों और उनसे कुछ हासिल नहीं हो सका।
सीबीडीटी ने ट्विटर पर लिखा है कि सीबीडीटी ने एक अप्रैल से 13 अक्टूबर के बीच 38.11 लाख करदाताओं को 1,23,474 करोड़ रुपए के रिफंड जारी किए।
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