वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कर में बढ़ोतरी करना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के अपने सहयोगियों को भी समझाने की कोशिश की है। हालांकि, कारोबारी समूह उनकी योजना से अलग राय रखते हैं। राष्ट्रपति ने राजस्व में 3,000 अरब डॉलर से अधिक की वृद्धि का प्रस्ताव दिया है।मुख्य रूप से कंपनियों और देश के सबसे अमीर परिवारों के लिए उच्च करों के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा अमीरों को इसके दायरे में लाने का लक्ष्य है। हालांकि, कई सांसदों ने अर्थव्यवस्था पर इसके संभावित असर को लेकर संदेह जताया है।
व्हाइट हाउस की उप-संचार निदेशक केट बर्नर ने कहा, ‘‘उन्हें (लोगों को) समझ में नहीं आता कि कंपनियां विदेशों में मुनाफा क्यों जमा कर सकती हैं और कर के तौर पर कोई पैसा नहीं दे सकती हैं। उन्हें समझ में नहीं आता कि हेज फंड प्रबंधक कम कर का भुगतान क्यों करता है।’’ राष्ट्रपति बाइडन ने अपने बजट प्रस्ताव में कर योजना को रेखांकित किया था। हालांकि, वेस्ट वर्जीनिया के सीनेटर जो मैनचिन सहित कुछ डेमोक्रेटिक सांसद खर्च की राशि और करों को बढ़ाने पर पहले ही आपत्ति जता चुके हैं।
मैनचिन ने कॉरपोरेट कर की दर को 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने के सरकार के प्रस्ताव पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप दुनिया में एक नेता और दुनिया की महाशक्ति बनने जा रहे हैं, तो आपके पास कर को लेकर प्रतिस्पर्धी दर होने चाहिए।’’ रिटेल इंडस्ट्री लीडर्स एसोसिएशन ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस के नेताओं से कॉरपोरेट टैक्स की दरें नहीं बढ़ाने का आग्रह किया। इस एसोसिएशन के सदस्यों में टारगेट, बेस्ट बाय और अन्य प्रमुख रिटेलर्स शामिल हैं।
व्यापार समूह की उपाध्यक्ष मेलिसा मर्डॉक ने कहा, ‘‘हम इस मुद्दे पर सदस्यों को जागरूक करने और यह सुनिश्चित करने के लिए काफी बैठकें कर रहे हैं कि वे समझें कि कैसे दर में वृद्धि खुदरा क्षेत्र को नुकसान पहुंचाएगी। कंपनियों के योगदान के महत्व के बारे में भी बताया जा रहा है।’’ अमेरिकी तेल और गैस उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाला सबसे बड़ा व्यापार समूह अमेरिकी पेट्रोलियम संस्थान, मीथेन उत्सर्जन पर प्रस्तावित शुल्क को वापस लेने की पैरवी कर रहा है।