नई दिल्ली। सरकार द्वारा सीबीडीटी सदस्य अखिलेश रंजन की अध्यक्षता में गठित डायरेक्ट टैक्स कोड टास्क फोर्स ने व्यक्तिगत करदाताओं के लिए नए टैक्स स्लैब की सिफारिश की है। टास्क फोर्स ने अपने प्रस्ताव में इनकम टैक्स कानून में बहुत बड़ा बदलाव करने का प्रस्ताव किया है। यदि इन सिफारिशों को स्वीकार किया जाता है तो सालाना 5 से 10 लाख रुपए कमाने वाले लोगों को केवल 10 प्रतिशत इनकम टैक्स देना होगा।
टास्क फोर्स ने इनकम टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव करने की सिफारिश सरकार से की है। इसमें 10 से 20 लाख रुपए सालाना कमाने वाले लोगों पर 20 प्रतिशत इनकम टैक्स लगाने की सिफारिश की गई है।
वर्तमान में, 2.5 से 5 लाख रुपए की आय पर 5 प्रतिशत इनकम टैक्स लगता है। 5 से 10 लाख रुपए तक की आय वालों को 20 प्रतिशत और 10 लाख से अधिक आय वालों को 30 प्रतिशत इनकम टैक्स देना होता है।
सूत्रों ने बताया कि टास्क फोर्स ने 5 टैक्स श्रेणी की सिफारिश की है, जिसमें 5 प्रतिशत, 10 प्रतिशत, 20 प्रतिशत, 30 प्रतिशत और 35 प्रतिशत शामिल है। वर्तमान में केवल तीन श्रेणी 5 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 30 प्रतिशत है।
हालांकि, अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा अंतरिम बजट 2019 में यह घोषणा की गई थी कि 5 लाख रुपए तक की सालाना आय वालों को टैक्स से छूट दी जाएगी। टास्क फोर्स ने भी सिफारिश की है कि 5 लाख रुपए तक की आय वालों पर कोई टैक्स न लिया जाए।
टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट 19 अगस्त को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंप दी है, लेकिन इसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। सूत्रों के मुताबिक टास्क फोर्स ने सिफारिश की है कि 20 लाख रुपए से अधिक और 2 करोड़ रुपए तक सालाना कमाई करने वालों पर पूर्व की तरह 30 प्रतिशत की दर से ही टैक्स लिया जाए।
टास्क फोर्स ने 2 करोड़ रुपए से अधिक कमाई करने वाले सुपर रिच लोगों पर टैक्स की एक नई दर 35 प्रतिशत की सिफारिश की है और सभी तरह के सरचार्ज खत्म करने को कहा है। टैक्स स्लैब में यह बदलाव का प्रस्ताव उपभोग को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के उद्देश्य से किया गया है। टैक्स स्लैब में बदलाव से मध्यम आय वाले लोगों की जेब में अधिक पैसा बचेगा तो वह खर्च भी ज्यादा करेंगे।