नई दिल्ली। बजट 2018 में घोषित 40,000 रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने स्पष्टीकरण जारी किया है। CBDT ने स्पष्ट किया है कि किसी व्यक्ति को अपने पूर्व नियोक्ता से प्राप्त होने वाली पेंशन को सैलरी की श्रेणी में रखा जाएगा। इसके लिए फाइनेंस एक्ट, 2018 के तहत आयकर अधिनियम की धारा 16 को संशोधित किया गया है ताकि करदाता जिनकी आय वेतन मानी जाती है उन्हें 40000 रुपए या सैलरी की राशि जो भी कम हो, उतने स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिले।
इसके अनुसार, कोई भी करदाता जिसे अपने पूर्व कर्मचारी से पेंशन मिलता है वह 40000 रुपए या उसकी पेंशन जो भी कम हो, उसका दावा स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत कर सकता है। यह दावा आयकर अधिनियम की धारा 16 के तहत किया जा सकता है।
इससे पहले लोगों ने यह सवाल उठाया था कि अगर एक करदाता, जिसे अपने पूर्व नियोक्ता से पेंशन मिलती है, उसे स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलेगा या नहीं।