नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अब तक 2.38 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। आयकर विभाग ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इसमें से 1.68 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न (आईटीआर) संसाधित किए गए हैं, जबकि 64 लाख से अधिक मामलों में रिफंड जारी किए गए हैं।
आयकर विभाग ने ट्वीट कर बताया कि आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 2.38 करोड़ से अधिक आईटीआर प्राप्त हुए हैं। विभाग ने करदाताओं से ई-फाइलिंग पोर्टल पर वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपने आईटीआर जल्द दाखिल करने का आग्रह भी किया। सरकार वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर दाखिल करने की नियत तारीख दो बार बढ़ा चुकी है। करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है।
कर ऑडिट उपयोगिता फॉर्म सक्षम हुआ
आयकर विभाग ने अपने पोर्टल पर वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए कर ऑडिट उपयोगिता फॉर्म को सक्षम कर दिया है। यदि वित्त वर्ष 2020-21 (आकलन वर्ष 2021-22) में व्यापार की बिक्री, टर्नओवर या सकल प्राप्तियां 10 करोड़ रुपये से अधिक हैं, तो आयकर कानून के तहत करदाताओं को अपने खातों का ऑडिट करवाना जरूरी है। पेशेवरों के मामले में यह सीमा 50 लाख रुपये है।
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए यह सीमा क्रमश: पांच करोड़ रुपये और 50 लाख रुपये है। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कर ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तारीख 15 जनवरी 2022 है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इसे 15 जनवरी 2021 तक दाखिल करना था, हालांकि कंपनियां अभी भी संशोधित कर ऑडिट रिपोर्ट दाखिल कर सकती हैं।
नया सालाना सूचना ब्योरा हुआ जारी
आयकर विभाग ने सोमवार को अपने पोर्टल पर नया सालाना सूचना ब्योरा (एआईएस) जारी किया है। यह करदाता की व्यापक जानकारी के साथ प्रतिक्रिया देने का विकल्प उपलब्ध कराता है। नए एआईएस में ब्याज, लाभांश, प्रतिभूति लेन-देन, म्यूचुअल फंड सौदा और विदेशों में धन भेजने से संबंधित अतिरिक्त जानकारी शामिल हैं। मंत्रालय के अनुसार जबतक नया एआईएस पूर्ण रूप से परिचालन में नहीं आता, फॉर्म 26एएस टीआरएससीइएस पोर्टल पर उपलब्ध होगा।
नया एआईएस एक सरलीकृत करदाता सूचना सारांश (टीआईएस) भी प्रदान करता है। यह रिटर्न दाखिल करने में चीजों को सुगम बनाता है। यदि करदाता एआईएस पर प्रतिक्रिया प्रस्तुत करता है, तो टीआईएस में जानकारी स्वचालित रूप से वास्तविक समय में अद्यतन हो जाएगी और रिटर्न भरने के लिए उपयोग की जाएगी। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि करदाताओं से अनुरोध है कि वे वार्षिक सूचना ब्योरा (एआईएस) में दिखाई गई जानकारी को देखें और अगर जानकारी में संशोधन की जरूरत है तो प्रतिक्रिया दें।