नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण 2018 में 40 हजार रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन (मानक कटौती) का ऐलान किया है।विशेषज्ञों के मुताबिक इससे आम नौकरी पेशा लोगों को मामूली राहत ही मिलेगी। यह स्टैंडर्ड डिडक्शन नौकरीपेशा लोगों के कर छूट प्राप्त परिवहन भत्ते और सामान्य चिकित्सा व्यय के एवज में दी गई है। स्टैंडर्ड डिडक्शन की व्यवस्था निर्धारण वर्ष 2006-07 से बंद कर दी गई थी।
बैंकबाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी के अनुसार, इससे नौकरीपेशा लोगों को सुविधा ही होगी। अभी उन्हें 19,200 रुपए सालाना का कर मुक्त परिवहन भत्ता और 15 हजार रुपए का सामान्य चिकित्सा भत्ता दिया जाता है। यह राशि 34200 रुपए बैठती है। लेकिन इसे क्लेम करने के लिए उन्हें रसीद देनी होती है। यह कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के लिए एक परेशानी है। अब उन्हें 40,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा और इसके लिए किसी तरह की रसीद जमा करने की जरूरत भी नहीं होगी। हालांकि वित्त मंत्री ने विभिन्न आयुवर्ग के व्यक्तिगत इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है।
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए व्यक्तिगत आयकर स्लैब इस प्रकार हैं:
भारत के निवासी आम नौकरी पेशा व्यक्ति, महिलाएं, हिन्दु अविभाजित परिवार, व्यक्तियों का संमूह, व्यक्तियों का निकाय जिनकी आयु 60 वर्ष से कम है:
वार्षिक आय | आयकर दर |
2,50,000 रुपए तक | शून्य |
2,50,001 से 5,00,000 रुपए तक | 5 प्रतिशत |
5,00,001 से 10,00,000 रुपए तक | 20 प्रतिशत |
10,00,000 रुपए से अधिक | 30 प्रतिशत |
ऐसे व्यक्ति जो पूर्व वर्ष के दौरान किसी समय 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं, किंतु 80 वर्ष से कम हैं :
वार्षिक आय | आयकर दर |
3,00,000 रुपए तक | शून्य |
3,00,001 रुपए से 5,00,000 रुपए तक | 5 प्रतिशत |
5,00,001 रुपए से 10,00,000 रुपए तक | 20 प्रतिशत |
10,00,000 रुपए से अधिक पर | 30 प्रतिशत |
ऐसे व्यक्ति, जो पूर्व वर्ष के दौरान किसी भी समय 80 वर्ष अथवा उससे अधिक आयु के हैं :
वार्षिक आय | आयकर दर |
5,00,000 रुपए तक | शून्य |
5,00,001 रुपए से 10,00,000 रुपए तक | 20 प्रतिशत |
10,00,000 रुपए से अधिक | 30 प्रतिशत |
- ऐसे व्यक्ति जिनकी कुल आय 50 लाख से अधिक लेकिन एक करोड़ रुपए से कम है, उनके आयकर पर 10 प्रतिशत अधिभार लगाया जाएगा।
- ऐसे व्यक्ति जिनकी कुल आय वर्ष के दौरान एक करोड़ रुपए से अधिक है, उनके आयकर पर 15 प्रतिशत की दर से अधिभार लगेगा।
- सभी के लिए आयकर पर तीन प्रतिशत शिक्षा उपकर के स्थान पर अब चार प्रतिशत की दर से स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर लगाया जाएगा।