नई दिल्ली। अगर आपके खाते में कोई बड़ी रकम है या फिर आपके पास ज्वैलरी या ऐसी ही कोई कीमती वस्तुएं हैं जिसका सोर्स आप आयकर विभाग को बता नहीं पाते तो आप इस पूरी धन दौलत का बड़ा हिस्सा गंवा सकते हैं। दरअसल आयकर विभाग के नियमों के मुताबिक अगर आपके पास कोई धन या कीमती सामान मौजूद है, और आयकर विभाग के द्वारा पूछे जाने पर आप ये नहीं बात पाते कि वो आपको कैसे और कहां से मिला है, तो आयकर विभाग पूरी रकम को आपकी आय मान कर इस पर भारी टैक्स, सरचार्ज और पेनल्टी लगा सकता है।
जानिए कितना ऊंचा लग सकता है टैक्स
आयकर विभाग के नियमों के मुताबिक अगर किसी शख्स के पास पैसा, सोना, ज्वैलरी या अन्य कीमती सामान मिलता है और वो इसके कागजात या रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं करा पाता या फिर इस के बारे में उचित जवाब नहीं दे पाता, तो इस पूरी रकम को उस शख्स की आय में शामिल कर लिया जाएगा, और इस पर ऊंची दरों पर टैक्स लगाया जाएगा। नियमों के मुताबिक ऐसी रकम पर 60 फीसदी टैक्स, 25 फीसदी सरचार्ज और 6 फीसदी पेनल्टी लगाई जाती है। यानि ऐसी रकम पर 83.25 फीसदी का कर लगाया जा सकता है। इस रकम पर किसी टैक्स स्लैब या किसी अन्य छूट का फायदा नहीं मिलेगा। खास बात ये है कि इस रकम पर आप किसी डिडक्शन का फायदा नहीं ले सकते और न ही कोई घाटा दिखा कर राहत पा सकते हैं। सरकार ने नोटबंदी के बाद इस योजना की शुरुआत की थी, उस दौरान लोगों ने बड़ी मात्रा में अपने बैंक खातों में नकदी जमा की थी, जिसके बाद सरकार ने भारी जुर्माने का प्रावधान किया था, जिससे लोग समय से पहले अपने कैश की जानकारी आयकर विभाग को दे सकें और पेनल्टी से बच सके। वहीं कई लोगों ने दूसरो की रकम अपने खातों में ट्रांसफर की थी, इसे रोकने के लिए भी ऊंचे जुर्माने का प्रावधान किया गया था।
क्यों हुआ भारी जुर्माने का प्रावधान
टैक्स को बचाने के लिए अक्सर लोग सौदों या खरीद का बड़ा हिस्सा कैश में करते हैं, इससे सिस्टम में सौदों या खरीद की रकम कम दर्ज होती है और इसपर टैक्स की बचत होती है। वहीं कैश के हिस्से को लोग मनी लेयरिंग, बेनामी प्रॉपर्टी, दूसरों के नाम पर सौदों या दूसरों के खातों में ट्रांसफर कर छुपाने की कोशिश करते हैं। इसी चलन को देखते हुए आयकर विभाग ने साफ किया है कि अगर आपके पास कोई रकम या ज्वैलरी है तो आपको ही बताना होगा कि ये आपको कैसे मिली, भले ही वो रकम आपकी हो या फिर आप किसी और की रकम को छुपाने में मदद कर रहे है, या फिर आपने कुछ पैसे बचाने के लिए बिना लिखापढ़ी या कागजात के कैश लिया हो। अगर आप रकम का सोर्स नहीं बता सकते या फिर विभाग के सवालों की सही जवाब नहीं दे सकते तो इस आय को आपकी आय मान कर आप पर रकम के 83% से ज्यादा टैक्स लगा दिया जाएगा।