सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की समय सीमा बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 तक कर दी है। टैक्सपेयर्स अपना ITR अब 30 नवंबर, 2020 तक फाइल कर सकते हैं। आईटीआर फाइल करने के लिए आपको कई डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होगी और रिटर्न फाइल करते समय कुछ बातों का खास ध्यान रखना होगा। फॉर्म में गलतियां करना महंगा पड़ सकता है। इनकम टैक्स विभाग की ई-फाइलिंग से आसानी से ऑनलाइन ITR फाइल किया जा सकता है।
इन डॉक्यूमेंट्स को रखें तैयार
फॉर्म 16 : जॉब करने वाले लोगों को उनकी नियोक्ता कंपनी फॉर्म 16 देती है। इसमें एक वित्त वर्ष के दौरान काटा गया टैक्स और आय का लेखाजोखा होता है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय नौकरीपेशा के लिए फॉर्म 16 सबसे जरूरी है। इसके बिना ITR फाइल करना बेहद मुश्किल हो जाता है। फॉर्म के पार्ट-ए में नियोक्त की ओर से काटे गए टैक्स का विवरण होता है। इसमें आपका नाम, पता और पैन एवं एंप्लॉयर का टैन नंबर होता है। आपके पैन पर सरकार के पास कितना टैक्स जमा हुआ है, उसका तिमाही ब्योरा होता है। साथ ही यह भी दर्ज होता है कि आपकी सैलरी से कितना टैक्स काटा गया है। वहीं पार्ट-बी में आपकी आय का ब्योरा होता है। ITR में जिस फॉरमैट में ब्योरा भरना होता है, पार्ट-बी में उसी फॉरमैट में आय का ब्योरा मिल जाता है। इससे ITR फाइल करने में आसानी होती है।
फॉर्म 26AS: इस फॉर्म में इनकम से काटे गए टैक्स की डिटेल होती है। साथ ही भुगतान किए गए सभी टैक्स और रिफंड की भी जानकारी होती है। इस फॉर्म के जरिये भुगतान किए गए टैक्स की डिटेल्स, एडवांस टैक्स या सेल्फ असेस्मेंट टैक्स भी उपलब्ध कराया जाता है। इससे टैक्सपेयर को आपको यह वेरिफाई करने में मदद मिलती है कि नियोक्ता कंपनी, बैंक या टैक्स भुगतान करने वाले ने सरकार के पास टैक्स डिपॉजिट किया है या नहीं।
टैक्स बचाने वाले इनवेस्टमेंट
- पीएफ फंड में योगदान
- बच्चों की स्कूल फीस या एजुकेशन लोन
- लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम
- हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम
- स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज
- होम लोन के एवज में किया गया भुगतान
- इक्विटी आधारित सेविंग्स स्कीम और म्यूचुअल फंड में निवेश
- इनकम टैक्स से सेक्शन 80C के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपए का टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है।
इन पर भी मिलती है छूट
- बैंक में जमा पैसे पर मिलने वाले ब्याज पर सेक्शन 88टीटीए के तहत सालान 10 हजार रुपए का टैक्स बेनेफिट मिलता है।
- मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम पर सालाना 25,000 रुपए तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है। सीनियर सिटीजन के मामले में यह 50,000 रुपए सालाना है।
- अगर अपने पेरेंट्स की मेडिकल इंश्योरेंस का प्रामियम आप ही भरते हैं तो इस पर अतिरिक्त छूट मिलती है। अगर पेरेंट्स की आयु 60 साल से कम है तो सालाना 25,000 रुपए तक का टैक्स बेनेफिट मिलेगा। अगर उनकी उम्र 60 साल से अधिक है तो सालाना 50,000 रुपए की छूट मिलेगी।
ऑनलाइन ITR दाखिल करने का तरीका
- सबसे पहले विभाग के पोर्टल incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं।
- इसके बाद e-File टैब पर क्लिक करें और इनकम टैक्स रिटर्न लिंक पर क्लिक करें।
- प्रिपेयर एंड सबमिट ऑनलाइन के विकल्प को चुनें और कंटीन्यू बटन पर क्लिक करें।
- इसके बाद ITR फॉर्म में सभी जानकारियां भरें और सेशन टाइम आउट से बचने के लिए सेव ड्राफ्ट बटन पर क्लिक करते रहें।
- इसके बाद Tax Paid and Verification टैब में वेरिफिकेशन ऑप्शन को चुनें और प्रिव्यु एंड सबमिट बटन पर क्लिक करें।
अपने बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करें
- इसके लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगइन करें और बैंक अकाउंट नंबर pre-validate करें।
- इसके बाद e-verify लिंक पर जाएं और acknowledgment नबंर दर्ज करें।
- बैंक अकाउंट नंबर से e-verify के ऑप्शन को चुनें और EVC तैयार करें। आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर EVC भेजा जाएगा।
- रिटर्न को verify करने के लिए पोर्टल पर इस कोड को दर्ज करें।