नई दिल्ली। हर साल इनकम टैक्स बचाने के लिए लोग तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं। कई बार वे इन हथकंडो की वजह से इनकम टैक्स अधिकारियों की नजर में आ जाते हैं। इसमें सबसे बड़ी गलती है एचआरए से जुड़ी। अधिकांश लोग एचआरए का फायदा लेने में ही गलती कर बैठते हैं और बाद में पछताते हैं।
क्या है वह गलती
कुछ लोग अपने माता-पिता के साथ रहते हुए उन्हें घर का किराया चुकाने का दावा कर टैक्स छूट का फायदा उठाते हैं। कई बार यह भी होता है कि संयुक्त आवेदनकर्ता के रूप में लोग संपत्ति में अपना नाम भी शामिल करवा लेते हैं और किराया देकर टैक्स का दावा भी करते हैं। अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं और अभी तक इनकम टैक्स का नोटिस नहीं आया है तो आप निश्चिंत होकर मत बैठिए, क्योंकि भविष्य में इसके लिए आपको नोटिस मिल सकता है।
यदि आप अपने रिश्तेदार या अभिभावकों को कियारा देकर एचआरए का फायदा उठाते हैं तो आप कभी भी मुश्किल में फंस सकते हैं। अगर आप नौकरी करते हैं और आपको कंपनी एचआरए देती है तो आप इनकम टैक्स की धारा 10-13ए के तहत किराये पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।
लेकिन यदि आप अपने ही घर में रहते हैं या फिर अपने किसी रिश्तेदार के साथ रहते हैं, जहां आपको किराया नहीं देना पड़ता है तो आप किराया रसीद के जरिये एचआरए पर टैक्स छूट का फायदा पाने के हकदार नहीं हैं।
इनकम टैक्स कानून के अनुसार केवल हाउस एग्रीमेंट में आपका नाम होने का मतलब यह नहीं है कि घर आपका है। ऐसी हालत में आप किराया रसीद के जरिये टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं। यदि अगर आप अपनी मां के साथ रहते हैं और उन्हें किराया चुकाने की रसीद दिखाकर टैक्स छूट का लाभ लेते हैं तो आपको कभी भी नोटिस मिल सकता है।