नई दिल्ली। आयकर रिटर्न दाखिल करने के नए पोर्टल में तकनीकी खामियों के कारण आलोचना झेलने वाली आईटी कंपनी इंफोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सलिल पारेख ने बुधवार को कहा कि उनकी कंपनी द्वारा विकसित नए पोर्टल में लगातार सुधार हो रहा है और उस पर 1.9 करोड़ रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि करदाताओं की चिंताओं को लगातार दूर किया जा रहा है। पारेख ने दूसरी तिमाही के लिए कंपनी के नतीजों की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा कि हम आयकर प्रणाली में निरंतर सुधार देख रहे हैं। कल तक हमारे पास 1.9 करोड़ से अधिक रिटर्न थे, जो नई प्रणाली का उपयोग करके दाखिल किए गए हैं। आज आयकर रिटर्न फॉर्म 1 से 7 सभी काम कर रहे हैं। अधिकांश वैधानिक फॉर्म सिस्टम पर उपलब्ध हैं।
हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि ये तकनीकी गड़बड़ियां कब तक पूरी तरह से दूर हो जाएंगी और पोर्टल पर सभी सुविधाएं कर रिटर्न फाइल करने वालों के लिए उपलब्ध होंगी। पारेख ने उल्लेख किया कि 3.8 करोड़ उपयोगकर्ताओं ने विभिन्न लेनदेन पूरे किए हैं और हर दिन 2-3 लाख रिटर्न दाखिल किए जा रहे हैं।
पारेख ने आश्वासन देते हुए कहा कि पिछले एक महीने में पोर्टल में काफी सुधार हुआ है, पिछले कुछ हफ्तों से सिस्टम के उपयोग में निरंतर वृद्धि हो रही है और करदाताओं की शिकायतों का सक्रियता से समाधान किया जा रहा है। यूजर्स के लिए एक निर्बाध फाइलिंग अनुभव सुनिश्चित करने के लिए इंफोसिस निरंतर 1200 व्यक्तिगत आयकरदाताओं के साथ मिलकर काम कर रही है। पारेख ने यह भी कहा कि कंपनी पिछले कई महीनों से चार्टर्ड एकाउंटैंट्स के साथ मिलकर काम कर रही है।
इंफोसिस ने करोड़ों रुपये का ठेका लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए एक नए पोर्टल को विकसित किया है और यह 7 जून को अपने लॉन्च के साथ ही तमाम दिक्कतों का सामना कर रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंफोसिस को 15 सितंबर तक नए आईटी पोर्टल को दुरुस्त करने का समय दिया था, लेकिन समस्याएं अभी भी पूरी तरह से नहीं निपटी हैं। इन समस्याओं के चलते ही सरकार ने व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2021 कर दी है।
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