नई दिल्ली। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (income tax department) ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए आयकरदाताओं की सुविधा के लिए आईटीआर-1 (ITR-1) और आईटीआर-4 (ITR-4) फॉर्म को भरने के लिए ऑफलाइन सुविधा शुरू की है। ये ऑफलाइन सुविधा ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध है और नई टेक्नोलॉजी जेएसओएन (जावा स्क्रिप्ट ऑब्जेक्ट नोटेशन) पर आधारित है। यह आंकड़ों के भंडारण के लिए सरल प्रारूप है।
ऑफलाइन सुविधा विंडोज 7 या उसके बाद के संस्करणों के साथ कम्प्यूटर पर डाउनलोड की जा सकती है। आयकर विभाग ने फाइलिंग के लिए पूरी जानकारी देते हुए कहा कि ऑफलाइन सुविधा केवल आईटीआर-1 और आईटीआर-4 के लिए है। अन्य आाईटीआर को बाद में जोड़ा जाएगा।
आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) सरल प्रारूप हैं, जिसका उपयोग बड़ी संख्या में अपेक्षाकृत कम आय वाले करदाता करते हैं। सहज फॉर्म को वे व्यक्ति भर सकते हैं जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये तक है और उनकी यह आय, वेतन, एक मकान वाली संपत्ति/अन्य स्रोतों (ब्याज आदि) से प्राप्त होती है।
आईटीआर-4 फॉर्म को वे व्यक्ति, हिंदु अविभाजित परिवार तथा कंपनियां भर सकती हैं, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है और जिनकी आय का स्रोत कारोबार या पेशा है। नांगिया एंडर्सन इंडिया की निदेशक नेहा मल्होत्रा ने कहा कि कर रिटर्न भरने के लिहाज से नई सुविधा सरल है और इससे करदाताओं को काफी आसानी होगी।
उन्होंने कहा कि इसमें बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के जरिये सहायता दी गई है। साथ ही मार्गदर्शन नोट, परिपत्र और कानून के प्रावधानों का भी उल्लेख किया गया है ताकि करदाता बिना किसी समस्या के रिटर्न फाइल कर सकें। विभाग का कहना है कि कर रिटर्न में सुगमता बढ़ने तथा बाधाएं समाप्त होने से अनुपालन का स्तर बढ़ेगा।
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