अगर आप भी उनमें से एक हैं जिन्होंने अभी तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। राहत की बात ये है कि इनकम टैक्स विभाग ने आईटीआर (ITR) फाइल करने की तारीख 31 जूलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है।
हमारी इस खास रिपोर्ट से जानिए कि कैसे आप पेनल्टी देने से बच सकते हैं और कौन सी सावधानियां आपके लिए हैं जरूरी...
सही ITR फॉर्म भरें: हमसे ज्यादा तर लोगों को ये पता नहीं होता की कौन सा आइटीआर फॉर्म भरना है...ई-फाइलिंग की सुविधा होने से जो लोग खुद रिटर्न फाइल करते हैं, उनसे ये गलतियां ज्यादा होती हैं। सबसे पहले तो ये समझे की आपको कौन सा फॉर्म भरना है. आमतौर पर 9 इनकम टैक्स फॉर्म होते हैं। जिनमें से नौरकरी पेशे लोगों के लिए- ITR 1, ITR 2, ITR 2A, ITR 3, ITR 4, ITR 4S (किसी भी इंडिविजुअल के लिए अपने इंकम के मुताबिक) इन फॉर्म की जरुरत पड़ती है. लेकिन अगर आप कंपनी या किसी फर्म से जुड़े हैं तो आपको अपने इनकम के हिसाब से ITR 5, ITR-6, ITR-7 फॉर्म भरने की जरुरत होगी।
समय से फाइल करें अपना रिटर्न: सबसे महत्वपूर्ण है कि आप अपना रिटर्न समय से फाइल करें. सारे दस्तावेज सही होने पर भी अगर आपने अपना रिटर्न समय से फाइल नहीं किया तो सब बेकार होगा। देर से रिटर्न फाइल करने पर आपको लेट पेमेंट देना होगा। पेनल्टी के तौर पर आपको 5,000 रुपये जुर्माना देना पड़ सकता है। साथ ही जनवरी 2020 के बाद रिटर्न फाइल करने पर आपको 10,000 रुपये तक का पेनल्टी चार्ज देना होगा।
अपनी इनकम सही भरें: आप नौकरी करते हैं, अपना खुद का कारोबार है, या किसी अन्य बिज़नेस में हैं, जिससे आपको कमाई हो रही है तो आपके लिए सही इनकम शो करना सबसे जरूरी है। आपकी इनकम अगर रिटर्न से मैच नहीं करेगी तो आपको आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है। इसलिए कभी भी गलत इनकम नहीं भरें। अगर खुद फॉर्म की जानकारी नहीं हो तो किसी सीए की मदद से फॉर्म भरें। गलत इनकम दिखाने से सेक्शन 139(9) या सेक्शन 143(1) के तहत आपको आयकर विभाग का नोटिस मिल सकता है। फॉर्म भरने से पहले पूरी इनकम को एक साथ पहले पता करके कहीं लिख लें उसके बाद ही सही फॉर्म भरें।
26AS फॉर्म सही तरीके से भरना जरूरी: जिस तरह किसी कंपनी की बैलेंस शीट मिलना जरूरी होता है इसी प्रकार ये ध्यान में रखें की फॉर्म 26एएस और फॉर्म 16ए का मेल खाना बहुत जरूरी है। इसलिए हमेशा सही इनकम भरें। इनकम की डिटेल में अपनी मर्जी से कभी कुछ नहीं भरें। गलत होने पर सेक्शन 43(1) के तहत आयकर विभाग से आपको नोटिस आ सकता है। दोनों फॉर्म को और टीडीएस क्लेम को अच्छे से मिला लें और जांच लें।
इनकम से ज्यादा ट्रांजैक्शन: नोटबंदी के बाद काफी लोगों के खाते में अधिक पैसे जमा हुए थे, जिसकी वजह से आयकर विभाग ने कई लोगों को अपने सही इनकम शो करने का नोटिस भेजा था। उसी प्रकार अगर आप अपनी इनकम से ज्यादा पैसों का लेन-देन करते हैं तो आप इनकम टैक्स विभाग की नजर में हैं। सही उत्तर और सबूत पेश करने पर आप इस मुसीबत से बच सकते हैं।
एलटीसीजी की जानकारी: लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) का मतलब है कि आपको शेयर मार्केट में निवेश या म्यूचुअल फंड में निवेश से होने वाली इनकम की सही जानकारी देना। ध्यान देने की बात है कि 1 लाख तक के गेंस पर कोई टैक्स नहीं लगता। अगर एलटीसीजी 1 लाख रुपए से ज्यादा है तो 10 फीसदी टैक्स लगेगा। साथ ही सेविंग्स बैंक से मिले इंटरेस्ट की जानकारी भी देना जरूरी है। टैक्स स्पैनर टॉटकॉम के सुधीर कौशिक के मुताबिक टैक्सपेयर इक्विटी होल्डिंग में बदलाव के चलते एसटीसीजी और एलटीसीजी में फर्क नहीं पकड़ पाते हैं, उन्हें ध्यानपूर्वक फॉर्म भरना चाहिए।
पति या पत्नी के नाम पर निवेश: यदि आपने अपने पति या पत्नी के नाम से पैसों को निवेश किया है लेकिन आईटीआर में शो नहीं किया, तो आपको भुगतान करना पड़ेगा। आपको टैक्स संबधित सारी सही जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी।
इन सभी महत्वपूर्ण बातों के अलावा जरूरी है कि आप अपने सारे दस्तावेज, बकाया टैक्स, स्क्रूटनी की जानकारी सही पेपर के साथ जमा करें। कौशिक के मुताबिक टैक्सपेयर्स को पेनल्टी और इंटरेस्ट से बचने के लिए नोटिस का इंतजार नहीं करते हुए किसी अच्छे जानकार की मदद लेनी चाहिए। इस बार फॉर्म ITR-1 और ITR-2 में कुछ बदलाव हुए हैं इसलिए गलतियों से बचने के लिए हमेशा अपने टैक्स एक्सपर्ट की मदद लें और आईटीआर समय पर फाइल करें।