नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने नव-गठित केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सभी तरह के आयकर रिटर्न (आईटीआर) जमा करने की अंतिम तारीख को एक बार फिर बढ़ाकर 31 जनवरी 2020 कर दिया है। आयकर विभाग के लिए नीति बनाने वाले निकाय ने एक आदेश जारी करके कहा कि जम्मू-कश्मीर के कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा बाधित होने की खबरों पर विचार करने के बाद आईटीआर भरने के लिए पूर्व में निर्धारित अंतिम तारीख 30 नवंबर को बढ़ाने का फैसला किया गया है।
आदेश में कहा गया है कि सीबीडीटी ने केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सभी श्रेणियों के करदाताओं के लिए आईटीआर भरने और कर ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की समयसीमा को बढ़ाकर 31 जनवरी 2020 कर दिया है। सीबीडीटी ने 31 अक्टूबर को आईटीआर जमा करने की अंतिम तारीख को बढ़ाकर 30 नवंबर किया था।
इससे पहले आयकर रिटर्न भरने की तिथि अगस्त अंत थी। बोर्ड ने आदेश में यह भी कहा कि वहां के 30 नवंबर की अंतिम तिथि के बाद भरे गए आईटीआर विवरणों को वैध माना जाएगा।
ई-आकलन के तहत भेजे गए आयकर नोटिस पर जवाब देने की तारीख 10 जनवरी तक बढ़ी
ई-आकलन प्रणाली के तहत भेजे गए आयकर विभाग के नोटिस पर जवाब देने की समय सीमा अगले साल 10 जनवरी तक बढ़ा दी गई है। सीबीडीटी ने जारी आदेश में कहा कि करदाताओं एवं कर पेशेवरों को राहत देने के लिए यह कदम उठाया गया है। राष्ट्रीय ई-आकलन केंद्र द्वारा आयकर अधिनियम की धारा 142(1) के तहत 24 दिसंबर 2019 तक जारी नोटिस का जवाब देने के लिए 10 जनवरी या फिर नोटिस में दिए गए समय, दोनों में जो भी बाद की तिथि हो मान्य होगी।
सरकार ने ई-आकलन की प्रक्रिया आठ अक्टूबर से शुरू की थी। ई-आकलन योजना के तहत, किसी व्यक्ति या करदाता को किसी भी प्रक्रिया के संबंध में आयकर अधिकारी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से या अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है।