मुंबई। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा है कि बॉलीवुड में सबसे अधिक भुगतान पाने वाली अभिनेत्री होने के बावजूद वह समय पर अपने टैक्स का भुगतान नहीं कर पा रही हैं, क्योंकि उनके पास कोई काम नहीं था। उन्होंने मंगलवार रात को अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा कि उन्हें सरकार को कुल देय टैक्स का आधा अभी देना है। रनौत ने कहा कि भले ही मैं उच्चतम टैक्स स्लैब के तहत आती हूं और अपनी आय का लगभग 45 प्रतिशत कर के रूप में देती हूं, भले ही मैं सबसे अधिक कर देने वाली अभिनेत्री हूं, लेकिन काम नहीं होने के कारण मैंने अपने पिछले साल के कुल टैक्स का आधा भुगतान नहीं किया है, मेरे जीवन में पहली बार मुझे टैक्स चुकाने में देरी हो रही है।
हाल में कोरोना वायरस संक्रमण से उबरने वाली अभिनेत्री ने कहा कि सरकार बकाया राशि पर ब्याज ले रही है, और वह इस कदम का स्वागत करती हैं। उन्होंने लिखा कि मुझे टैक्स चुकाने में देर हो रही है, लेकिन सरकार इस बकाया कर राशि पर ब्याज वसूल रही है, फिर भी मैं इस कदम का स्वागत करती हूं। व्यक्तिगत रूप से हमारे लिए समय कठिन हो सकता है लेकिन हम सब साथ मिलकर वक्त से मजबूत बन सकते हैं।
अमेरिका में कई नामी धनाढ्यों का कर भुगतान न के बराबर
कर देने के मामले में धन्ना सेठ आम जन से बिल्कुल अलग हैं। जहां नौकरीपेशा और छोटे-मोटे कारोबार करने वाले कर नियमों का पूरी तरह से पालन करते हैं, वहीं दूसरी तरफ वे कर अधिकारियों को छकाने में माहिर हैं। खोजी पत्रकारिता संगठन प्रो पब्लिका ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा कि अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस ने 2007 और 2011 में कोई आयकर नहीं दिया। वहीं टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क का आयकर बिल 2018 में शून्य रहा। जबकि फाइनेंशर जार्ज सोरोस ने लगातार तीन साल आयकर नहीं दिया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर अमेरिका के 25 धनाढ़्यों ने समायोजित सकल आय का 15.8 प्रतिशत की दर से कर भुगतान किये। अगर सामाजिक सुरक्षा और मेडिकेयर करों को लिया जाए तो यह आम नौकरीपेशा द्वारा दिये जाने वाले कर जितना ही है। प्रो पब्लिका ने वॉरेन बफेट, बिल गेट्स, रूपर्ट मुर्डोक और मार्क जुकरबर्ग समेत देश के सबसे धनी लोगों के बारे में एक अज्ञात सूत्र से प्राप्त आंतरिक राजस्व सेवा के आंकड़े के विश्लेषण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है।
संगठन ने प्राप्त कर आंकड़े का मिलान दूसरे स्रोतों से भी किया। आंकड़ों में समानता पायी गयी। प्रो पब्लिका के अनुसार पूरी तरह से कानूनी कर रणनीतियों का उपयोग करते हुए, कई अमीरों ने अपने संघीय कर देनदारी से बचे या बहुत कम भुगतान किया। सोरोस ने लगातार तीन साल तक कोई संघीय आयकर का भुगतान नहीं किये। संगठन की रिपोर्ट के अनुसार अगर हम अमीरों की बढ़ती संपत्ति, उनके बढ़ते निवेश मूल्य को देखें, तो उनका कर बिल काफी कम जान पड़ता है।
यह भी पढ़ें: किसानों के लिए शुरू हुई किसान मित्र ऊर्जा योजना, साल में मिलेंगे12 हजार रुपये
यह भी पढ़ें: Xiaomi के इस फोन की है जबर्दस्त मांग, 45 दिन में रिकॉर्ड 300 करोड़ की बिक्री दर्ज की
यह भी पढ़ें: Hyundai ने शुरू की 6 व 7 सीटर SUV Alcazar की बुकिंग, जानिए कब से शुरू होगी डिलीवरी
यह भी पढ़ें: नया स्मार्टफोन खरीदने वालों के लिए खुशखबरी, Realme ने लॉन्चa किया 9,999 रुपये में धासूं फोन
यह भी पढ़ें: COVID-19 वैक्सीन लगवाने वालों के लिए अच्छी खबर, बैंक FD पर मिलेगा इतना ज्यादा ब्याज