आज दुनियाभर में विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस 2024 मनाया जा रहा है। इस मौके पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए निवेश के विकल्प की बात करें तो भारत सरकार की एक खास स्कीम है-वरिष्ठ नागरिक बचत योजना यानी एससीएसएस। इस स्कीम के तहत आप पोस्ट ऑफिस या बैंक में अकाउंट ओपन करा सकते हैं और निवेश की शुरुआत भी कर सकते हैं। इस स्कीम की खास बात यह है कि इसमें गारंटीड रिटर्न के साथ दूसरी सुविधाएं भी ऑफर की जाती हैं। यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प भी है।
कौन खोल सकता है यह अकाउंट
इंडिया पोस्ट की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, 60 वर्ष से अधिक आयु का व्यक्ति वरिष्ठ नागरिक बचत योजना अकाउंट खोल सकता है। हां, 55 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष से कम आयु के रिटायर नागरिक कर्मचारी, इस शर्त के अधीन कि सेवानिवृत्ति लाभ प्राप्त होने के 1 महीने के भीतर निवेश किया जाना चाहिए, के कंडीशन में भी अकाउंट खोल सकते हैं। इसके अलावा, 50 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष से कम आयु के रिटायक रक्षा कर्मचारी, इस शर्त के अधीन कि रिटायरमेंट लाभ प्राप्त होने के 1 महीने के भीतर निवेश कर सकते हैं, वह भी अकाउंट खोल सकते हैं। ध्यान रहे अकाउंट व्यक्तिगत क्षमता के रूप में या सिर्फ पति/पत्नी के साथ संयुक्त रूप से खोला जा सकता है। एक जरूरी बात समझ लें कि ज्वाइंट अकाउंट में जमा की पूरी राशि सिर्फ पहले खाताधारक के लिए होगी।
कम से कम और ज्यादा से ज्यादा निवेश की लिमिट
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना खाते में कम से कम 1000 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा, 1000 रुपये के मल्टीपल में केवल एक ही जमा राशि होगी, जो अधिकतम 30 लाख रुपये से अधिक नहीं होगी। साथ ही सबसे पहले जमा की तारीख से 31 मार्च/30 सितम्बर/31 दिसम्बर तक ब्याज देय होगा और उसके बाद 1 अप्रैल, 1 जुलाई, 1 अक्टूबर तथा 1 जनवरी को ब्याज देय होगा। अगर एससीएसएस स्कीम अकाउंट में कोई अतिरिक्त जमा किया जाता है, तो अतिरिक्त राशि जमाकर्ता को तुरंत वापस कर दी जाएगी और अतिरिक्त जमा की तारीख से वापसी की तारीख तक सिर्फ पोस्ट ऑफिस बचत खाता ब्याज दर ही लागू होगी।
टैक्स छूट की भी सुविधा
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत निवेश की गई राशि पर इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 80सी के तहत वरिष्ठ नागरिक को टैक्स छूट की भी सुविधा मिलती है। अगर सभी वरिष्ठ नागरिक बचत योजना खाते में कुल ब्याज एक वित्तीय वर्ष में 50,000/- रुपये से अधिक है, तो ब्याज टैक्स योग्य होता है और निर्धारित दर पर TDS कुल भुगतान किए गए ब्याज से काटा जाएगा। अगर फॉर्म 15G/15H जमा किया जाता है और अर्जित ब्याज निर्धारित सीमा से अधिक नहीं है, तो कोई TDS नहीं काटा जाएगा।