आज (4 अक्टूबर), वर्ल्ड फाइनेंशियल प्लानिंग डे है। यह तारीख हमें याद दिलाता है कि वित्तीय रूप से स्वतंत्र रहने के लिए हम सभी को समय रहते फाइनेंशियल प्लानिंग करनी चाहिए। वैसे भी कोरोना महामारी के बाद हर किसी को सही फाइनेंशियल प्लानिंग का महत्व समझ में अया है। उसके बाद फाइनेंशियल प्लानिंग करने वाल तेजी से बढ़े भी हैं। अब सवाल उठता है कि हर कोई अपनी जरूरत और भविष्य को सुरिक्षत बनाने के लिए निवेश तो कर रहा है, लेकिन वह इसमें पूरी तरह से सफल नहीं हो पाता है। आखिर, गलती कहां हो रही है। आइए, वर्ल्ड फाइनेंशियल प्लानिंग डे के अवसर पर हम आपको बताते हैं कि फाइनेंशियल प्लानिंग में किन गलतियों से बचना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप न सिर्फ वित्तीय रूप से मजबूत हो जाएंगे बल्कि पैसे वाले भी बन जाएंगे।
1. इमरजेंसी फंड न बनाने की भूल न करें
कोरोना महामारी ने हम सभी को बता दिया है कि जिंदगी में बुरा दौर कभी भी आ सकता है। उसके लिए पहले से तैयारी करना जरूरी है। जो बुरे दौर के लिए पहले से तैयारी होता है, वह संकट से पार निकल जाता है। इसलिए फाइनेंशियल प्लानिंग में अपनी मंथली इनकम के छह महीने के बाराबर एक इमरजेंसी फंड जरूर बना लें। यह आपको बुरे वक्त में साथ देने का काम करेगा।
2. हेल्थ इंश्योरेंस लेने में लापरवाही
समय के साथ इलाज का खर्च काफी महंगा हो गया है। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस बहुत जरूरी हो गया है। अगर आपने अभी तक हेल्थ इंश्योरेंस नहीं लिया है तो अब देर नहीं करें। यह बड़ी भूल है। इसके साथ ही टर्म इंश्योंरेंस भी जरूर ले लें। यह परिवार की सुरक्षा के लिए अहम हैं। इसके अलावा कम से कम कर्ज लेने की कोशिश करें। कर्ज लें तो भी जल्द से उसे चुकाने की कोशिश करें।
3. अपना लक्ष्य तय करना नहीं भूलें
फाइनेंशियल प्लानिंग करने से पहले ज्यादा जरूरी है कि आप अपना वित्तीय लक्ष्य तय करें। बिना लक्ष्य तय करें निवेश करने से आप अपने गोल पाने से चूक सकते हैं। ऐसा इसलिए कि हम सभी की जिंदगी में कई जरूरतें आती हैं। इनमें से बड़े खर्चों जैसे बच्चों की पढ़ाई, शादी, घर आदि के लिए पहले से प्लानिंग कर निवेश करना सही होता है। सही फाइनेंशियल प्लानिंग करने के लिए इन बड़े खर्चों की प्राइऑरटी तय कर लें और फिर इसके अनुसार निवेश करें। आपकी प्लानिंग सही है या नहीं और निवेश पर गोल पाने के लिए बेहतर रिटर्न मिल रहा है या नहीं इसके लिए समय-समय पर निवेश की समीक्षा करते रहें।
4. इनकम और खर्च का बजट जरूर बनाएं
हर महीने इनकम और खर्चों का बजट खुद से बनाएं। बजट बनाने से आपको अपने खर्चों को मैनेज में करने में मदद मिलेगी। साथ ही आपको फालतू के खर्चे को रोकने में मदद मिलेगी और बचत की आदत डलेगी। बजट बनाते समय इस बात का ध्यान रखें की वह बजट वास्तविक हो। बजट बैलेंस होना चाहिए जिससे घर की जरूरतों को पूरा किया जा सके और भविष्य के सोविंग भी आसानी से हो सके।
5. निवेश पर कहां मिलेगा ज्यादा रिटर्न, यह जानें
फाइनेंशियल प्लानिंग में एक बात का खास ख्याल रखें की आप जहां निवेश करने जा रहें हैं, वहां से आपको शानदार रिटर्न मिले। अगर, आप के पास एक अधिक सेविंग अकाउंट है और उसमें पैसा आप इस चक्कर में छोड़ रहे हैं कि ब्याज से रिटर्न मिलेगा तो ऐसा नहीं करें। सेविंग अकाउंट पर 2 से तीन फीसदी की दर से रिटर्न मिलता है जबकि महंगाई 6 फीसदी के आसपास है। यानी, आपको नकारात्मक रिटर्न मित रहा है। इससे हर संभव बचने का प्रयास करें। निष्क्रिय पैसे को निकाल कर ऐसे निवेश माध्यमों में निवेश करें जहां से अधिक रिटर्न मिले। इसके साथ ही टैक्स बचाने की कोशिश करें।
6. रिटायरमेंट की प्लानिंग से समझौता नहीं करें
आम तौर पर देखा जाता है कि निवेशक रिटायरमेंट प्लानिंग को छोड़ कर सभी तरह की प्लानिंग कर लेते हैं। आप यह गलती कभी भी न करें। फाइनेंशियल प्लानिंग में रिटायरमेंट प्लानिंग का अहम रोल है। आपको अपने पहले जॉब से ही रिटायरमेंट प्लानिंग करनी चाहिए और इसके लिए निवेश शुरू कर देना चाहिए। रिटायरमेंट के बाद आपको कितनी पैसे की जरूरत होगी इसकी प्लानिंग समय रहते करना चाहिए। यह न सिर्फ आपके भविष्य को सुरक्षित रखता है बल्कि जल्दी प्लानिंग शुरू करने पर आपको कम निवेश पर अधिक रिटर्न भी मिलता है।