
देश में आज महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो रही हैं, वे अपने परिवार के लिए घर खरीदने जैसे जीवन के बड़े फैसले भी ले रही हैं। यही वजह है कि बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान महिलाओं के लिए कुछ खास होम लोन बेनिफिट उपलब्ध करा रहे हैं और समय-समय पर स्पेशल योजनाएं लाकर महिलाओं को अपना घर बनाने में मदद कर रहे हैं। अगर आप भी एक कामकाजी और सक्षम महिला हैं तो आप होम लोन के लिए अप्लाई करते समय मिलने वाली सुविधाओं का फायदा उठा सकते हैं।
को-बॉरोअर के रूप में महिलाओं को लाभ
महिलाएं उधारकर्ता और सह-उधारकर्ता (को-बॉरोअर) दोनों के रूप में आवेदन कर सकती हैं। उधारकर्ता और सह-उधारकर्ता की संयुक्त आय लोन मिलने की संभावना को बढ़ा सकती है जिसका अर्थ है ज्यादा लोन पात्रता और परिवार के लिए उपयुक्त घर चुनने में अधिक लचीलापन। साथ ही महिलाओं को भी होम लोन रीपेमेंट कर कटौती का लाभ मिलता है, जिसमें मूलधन और ब्याज में अधिकतम कटौती क्रमशः 1.5 लाख रुपये और 2 लाख रुपये है।
कम स्टाम्प ड्यूटी
केंद्र और राज्य सरकारें भी महिलाओं के लिए घर के स्वामित्व को प्रोत्साहित कर रही हैं। महिलाओं के लिए होम लोन बेनिफिट में कई राज्य सरकारों द्वारा 1-2% तक कम स्टाम्प ड्यूटी शुल्क शामिल है। इस प्रकार एक महिला 80 लाख रुपये की संपत्ति को रजिस्ट्री कराती है पर 80,000 रुपये से 1,60,000 रुपये तक बचा सकती है।
होम लोन अप्रूवल जल्दी मिलने की संभावना
एचडीएफसी बैंक के मुताबिक, आवेदक/सह-आवेदक के रूप में अगर ग्राहक एक महिला है तो होम लोन अप्रूव होने की संभावना पर पॉजिटिव असर पड़ता है। इसके पीछे कुछ खास कारण हैं जिसमें महिलाओं की अनुशासित बचत की प्रदर्शित आदतें, अनावश्यक ऋण से बचने की प्रवृत्ति और वित्त का उनका विवेकपूर्ण प्रबंधन शामिल है। साथ ही डेटा, महिला उधारकर्ताओं के बीच कम डिफॉल्ट दरों को दर्शाता है, जिससे उन्हें होम लोन ऑफर देने में वित्तीय संस्थानों का विश्वास और भी बढ़ जाता है।