Wednesday, January 01, 2025
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Personal Loan अगर नहीं चुका रहे तो आपके खिलाफ क्या-क्या एक्शन हो सकता है, जान लीजिए

पर्सनल लोन न चुकाने पर ग्राहक के क्रेडिट इतिहास पर भी असर पड़ता है। भविष्य में लोन मिलने में मुश्किलें आ सकती हैं। साथ ही साथ ग्राहक पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत भी मामला दर्ज किया जा सकता है, जिसमें कारावास शामिल है।

Written By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Dec 05, 2024 6:00 IST, Updated : Dec 05, 2024 9:42 IST
भारत में पर्सनल लोन की अदायगी में चूक या ऋण पर चूक के गंभीर वित्तीय और कानूनी परिणाम हो सकते हैं।
Photo:FILE भारत में पर्सनल लोन की अदायगी में चूक या ऋण पर चूक के गंभीर वित्तीय और कानूनी परिणाम हो सकते हैं।

पर्सनल लोन किसी खास परिस्थिति या इमरजेंसी में बेहद काम आने वाला साधन है। जब पर्सनल लोन समय पर किसी ग्राहक का साथी बनता है तो इसके बाद ग्राहक की यह जिम्मेदारी है कि वह भी समय पर इस लोन का पुनर्भुगतान कर दे। लेकिन अगर ग्राहक ने पर्सनल लोन लिया है लेकिन वह उसे बैंक या वित्तीय संस्थान को चुका नहीं रहा है तो ऐसा करना ग्राहक के लिए महंगा पड़ सकता है। भारत में पर्सनल लोन की अदायगी में चूक या ऋण पर चूक के गंभीर वित्तीय और कानूनी परिणाम हो सकते हैं। नियमों के मुताबिक लीगल एक्शन का सामना भी करना पड़ सकता है। आइए, यहां इन्हीं बातों को समझ लेते हैं।

हो सकते हैं ये लीगल एक्शन

बजाज फिन्सर्व के मुताबिक, भारत में पर्सनल लोन डिफॉल्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में सिविल मुकदमा शामिल है। बैंक पुनर्भुगतान की मांग करते हुए सिविल कोर्ट में मामला दर्ज कर सकते हैं। साथ ही डिफॉल्टर की संपत्ति जब्त हो सकती है या वेतन जब्त किया जा सकता है। इसके अलावा, कानूनी सहारा लेने से पहले बातचीत और निपटान के विकल्प तलाशे जा सकते हैं। इन सब के अलावा एक बात जान लें कि पर्सनल लोन न चुकाने पर ग्राहक के क्रेडिट इतिहास पर भी असर पड़ता है। भविष्य में लोन मिलने में मुश्किलें आ सकती हैं। साथ ही साथ ग्राहक पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत भी मामला दर्ज किया जा सकता है, जिसमें कारावास शामिल है।

जब ऋणदाता यानी बैंक लोन राशि वसूलने में असमर्थ होते हैं, तो वे बकाया राशि वसूलने के लिए लोन वसूली एजेंसियों को नियुक्त करने का सहारा ले सकते हैं। इससे ऋण वसूलीकर्ताओं से उत्पीड़न हो सकता है, जिससे काफी तनाव और चिंता हो सकती है।

पर्सनल लोन डिफॉल्टर के लिए RBI के दिशा-निर्देश

भारतीय रिजर्व बैंक पर्सनल लोन के लिए ऋण वसूली में निष्पक्ष व्यवहार को अनिवार्य करता है। लोन डिफॉल्ट के मामलों में बैंकों को आरबीआई के दिशा-निर्देशों का पालन करना पड़ता है। इसमें उधारकर्ता वसूली शुरू करने से पहले नोटिस हासिल करने के हकदार हैं। बैंकों को आरबीआई के तरफ से गाइडलाइंस में उचित और सम्मानजनक कम्यूनिकेशन करने के लिए कहा गया है। बैंकों को उत्पीड़न से बचने के लिए कहा गया है।

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