SIP vs STP vs SWP: शेयर बाजार में निवेश करने के लिए निवेशकों की ओर से कई स्ट्रेटेजी का उपयोग किया जाता है, जिनसे अच्छा रिटर्न हासिल करने में मदद मिलती है। सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP), सिस्टेमेटिक विड्रॉल प्लान (SWP) और सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान (STP) तीनों ऐसी ही स्ट्रेटेजी हैं, जिनकी मदद से आपने रिटर्न को बेहतर कर सकते हैं। आइए जानते हैं।
सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP)
एसआईपी इन तीनों में सबसे पॉपुलर और आसान स्ट्रेटेजी है। इसके तहत निवेशकों को किस्त की तरह ही हर महीने निवेश करना होता है। आप एसआईपी अपनी पसंद के शेयरों के साथ म्यूचुअल फंड में कर सकते हैं। जानकारी भी म्युचूअल फंड में एसआईपी करने को अच्छा मानते हैं और आप इससे लंबे समय में एक बड़ा फंड जमा कर सकते हैं।
सिस्टेमेटिक विड्रॉल प्लान (SWP)
एसआईपी बड़ा फंड जोड़ने का तो एसडब्लूपी फंड की निकासी करने की स्ट्रेटेजी है। इस स्ट्रेटेजी की मदद से आप टैक्स की सेविंग करते हुए पैसों की बचत कर सकते हैं। एसडब्लूपी के तहत आप हर महीने अपनी सेविंग का कुछ हिस्से की निकासी करते हैं। रिटायरमेंट के बाद एसडब्लू म्यूचुअल फंड से पैसा निकालने का एक सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। इसकी मदद से आप टैक्स की बचत करते हुए अपनी जरूरत के मुताबिक फंड की निकासी कर पाते हैं।
सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान (STP)
एसटीपी भी स्ट्रेटेजी जो कि बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान आपके रिटर्न को बढ़ाने में मदद करती है। एसटीपी में अपने रिस्क के अनुसार बाजार की परिस्थितियां बदलने पर फंड्स को ट्रांसफर किया जाता है। उदाहरण के लिए आप 60 वर्ष के निवेशक हैं तो बाजार में गिरावट होने पर आप एसटीपी स्ट्रेटेजी के तहत अपने फंड को इक्विटी से डेट में ट्रांसफर करते हैं। वहीं, एक युवा इन्वेस्ट एसटीपी स्ट्रेटजी के तहत अपने फंड को डेट से इक्विटी में ट्रांसफर कर सकता है और मार्केट के उतार-चढ़ाव का फायदा उठा सकता है।