Professional Tax या पेशेवर कर वह होता है जो कि एक सीमा से अधिक आय कमाने वाले लोगों को अदा करना होता है। यह राज्य सरकारों की ओर से लगाया जाता है। इस कारण से इनकम टैक्स से अलग होता है। हालांकि, आप आईटीआर में एक वित्त वर्ष में अदा किए गए प्रोफेशनल टैक्स पर छूट प्राप्त कर सकते हैं।
किन-किन लोगों को जमा करना होता है प्रोफेशनल टैक्स
प्रोफेशनल टैक्स कर्मचारियों, व्यापारियों, फ्रीलांस, डॉक्टरों और अन्य पेशों में एक सीमा से अधिक कमाने वाले लोगों को अदा करना होता है। बता दें, भारत के संविधान में आर्टिकल 276 के तहत राज्यों को पेशे, व्यापार और रोजगार से जुड़े कानून बनाने का अधिकार है। सभी राज्यों में प्रोफेशनल टैक्स नहीं लगाया जाता है।
प्रोफेशनल टैक्स की रेट
राज्यों की ओर से लगाए जाने वाला टैक्स होने के कारण हर राज्य में इसकी दर अलग-अलग होती है। आर्टिकल 276 के मुताबिक, किसी भी स्थिति में ये 2,500 रुपये से ज्यादा नहीं हो सकता है। वहीं, राज्यों की बात करें तो कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल में प्रोफेशनल टैक्स वसूला जाता है।
प्रोफेशनल टैक्स किसे जमा करना होता है?
अगर आप कर्मचारी और ऐसे राज्य में काम करते हैं। जहां प्रोफेशनल टैक्स लगाया जाता है तो आपके नियोक्ता को सैलरी में से प्रोफेशनल टैक्स की कटौती कर जमा कराना होता है। वहीं,अगर आप फ्रीलांसिंग आदि करते हैं तो आपके राज्य की ऑथोरिटी के पास अपना पंजीकरण कराना होगा और एक सीमा से बाहर आय होने पर टैक्स जमा करना होगा। प्रोफेशनल टैक्स राज्य सरकारों के कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से एकत्रित किया जाता है। राज्य का टैक्स होने के चलते हर राज्य में इसका अलग-अलग प्रोसेस होता है और आप इसे ऑफलाइन और ऑनलाइन जमा कर सकते हैं।