प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों को आर्थिक सहायता देने वाली भारत सरकार की एक खास स्कीम है। इसका संपूर्ण वित्तपोषण भारत सरकार करती है। इस योजना के तहत सभी भूमिधारक किसान परिवारों को तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000/- की आय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के लिए परिवार की परिभाषा पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे हैं। इस स्कीम के तहत लाभार्थी यानी सहायता के लिए पात्र किसान परिवारों की पहचान राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन, स्कीम के तहत जारी गाइडलाइन को ध्यान में रखकर करते हैं। इसके तहत किस्त की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
कैसे कर सकते हैं अप्लाई
सीएससी के जरिये ऑनलाइन कर सकते हैं। अप्लाई करने से पहले आपके पास आधार कार्ड, भूमि स्वामित्व पत्र और सेविंग बैंक अकाउंट होना चाहिए। सीएससी पर वीएलई राज्य, जिला, उपजिला ब्लॉक और गांव जैसे किसान रजिस्ट्रेशन डिटेल डालता है। सर्टिफिकेशन के लिए आधार कार्ड पर प्रिंटेड आधार संख्या, लाभार्थी का नाम, कैटेगरी, बैंक डिटेल, भूमि रजिस्ट्रेशन आईडी और जन्म तिथि डालना होता है। फिर, वीएलई भूमि विवरण जैसे सर्वेक्षण/कहता संख्या, खसरा संख्या और भूमि के क्षेत्रफल को भरेगा जैसा कि भूमि स्वामित्व पत्रों में उल्लेख किया जाता है। इसके बाद वह भूमि, आधार और बैंक पासबुक जैसे सहायक दस्तावेज अपलोड करेगा। फिर स्व-घोषणा स्वीकार कर आवेदन पत्र को सेव कर लिया जाता है। आवेदन पत्र को सेव करने के बाद सीएससी आईडी के माध्यम से पेमेंट करना होता है। आप आधार संख्या के जरिये लाभार्थी की स्थिति की जांच कर सकते हैं।
पीएम-किसान सम्मान निधि का लाभ कौन नहीं ले सकता
मजबूत आर्थिक स्टेटस वाले कुछ खास कैटेगरी के लाभार्थी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के फायदे के लिए पात्र नहीं होते हैं। इनमें सभी संस्थागत भूमि धारक। किसान परिवार जो एक या अधिक चीजों से जुड़े हैं। जैसे वह
संवैधानिक पदों के पूर्व और वर्तमान धारक हों। पूर्व और वर्तमान मंत्री/राज्य मंत्री और लोकसभा/राज्यसभा/राज्य विधानसभाओं/राज्य विधान परिषदों के पूर्व/वर्तमान सदस्य, नगर निगमों के पूर्व और वर्तमान मेयर, जिला पंचायतों के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष हों।
इसके अलावा, केंद्र/राज्य सरकार के मंत्रालयों/कार्यालयों/विभागों और इसकी क्षेत्रीय इकाइयों, केंद्रीय या राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकार के अधीन संबद्ध कार्यालयों/स्वायत्त संस्थाओं के सभी कार्यरत या रिटायर अधिकारी और कर्मचारी और स्थानीय निकायों के नियमित कर्मचारी (मल्टी टास्किंग स्टाफ/श्रेणी IV/समूह D कर्मचारियों को छोड़कर)हों।
इसके अलावा, सभी सेवानिवृत्त/सेवानिवृत्त पेंशनभोगी जिनकी मासिक पेंशन 10,000/- रुपये या उससे अधिक है (मल्टी टास्किंग स्टाफ/श्रेणी IV/समूह D कर्मचारियों को छोड़कर)। ऐसे व्यक्ति जिन्होंने पिछले टैक्स एसेसमेंट ईयर में इनकम टैक्स का भुगतान किया है। साथ ही रजिस्टर्ड डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट और आर्किटेक्ट जैसे पेशेवर और प्रैक्टिस करके अपना पेशा चला रहे हैं, इस योजना का लाभ पाने के लिए पात्र नहीं है।