आप भी यूपीआई से अगर ऑटोमैटिक पेमेंट करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कुछ कैटेगरी के लिए यूपीआई के जरिये ऑटोमैटिक पेमेंट की लिमिट को 15,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन कर दिया। भाषा की खबर के मुताबिक, इसके दायरे में म्यूचुअल फंड को भी शामिल किया गया है। NPCI ने रेकरिंग पेमेंट के लिए UPI AUTOPAY की सुविधा दे रखी है। इस नई सुविधा के साथ, ग्राहक अब मोबाइल बिल, बिजली बिल, ईएमआई भुगतान, मनोरंजन/ओटीटी सदस्यता, बीमा, म्यूचुअल फंड जैसे रेकरिंग पेमेंट के लिए किसी भी यूपीआई एप्लिकेशन का इस्तेमाल करके रेकरिंग ई-मैनडेट एनेबल कर सकते हैं।
पेमेंट के दायरे में इन्हें भी किया शामिल
खबर के मुताबिक, अभी तक 15,000 रुपये के बाद के रेकरिंग ट्रांजैक्शन के लिए कार्ड, प्रीपेड पेमेंट साधनों और यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) पर ई-निर्देश/स्थायी निर्देशों का निष्पादन करते समय ‘प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक’ (एएफए) में छूट की मंजूरी है। आरबीआई ने ‘रेकरिंग ट्रांजैक्शन के लिए ई-निर्देश के निष्पादन’ पर जारी एक सर्कुलर में कहा कि म्यूचुअल फंड की सदस्यता, बीमा प्रीमियम के भुगतान और क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान के लिए प्रति लेनदेन की सीमा को बढ़ाकर 1,00,000 रुपये करने का फैसला लिया गया है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने किया था ऐलान
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले सप्ताह द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान यूपीआई से स्वचालित लेनदेन की सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपया करने का ऐलान किया था। नवंबर महीने में 11.23 अरब से ज्यादा लेनदेन के साथ यूपीआई आबादी के एक बड़े तबके के लिए डिजिटल भुगतान का पसंदीदा तरीका बनकर उभरा है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) एक ऐसा सिस्टम है जो कई बैंक अकाउंट्स को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में शक्ति प्रदान करती है, कई बैंकिंग सुविधाओं, निर्बाध फंड रूटिंग और मर्चेंट पेमेंट को एक हुड में विलय कर देती है।