कब अचानक पैसे की जरूरत आ जाए, यह कोई नहीं जानता है। जब एकदम से पैसे की जरूरत आती है तो सबसे आसान तरीका पर्सनल लोन का होता है। बैंकों ने भी झट से पर्सनल लोन देने के लिए पेपरलेस प्रॉसेस शुरू किया है। ऐसे में अगर आप पर्सनल लोने ले जा रहे हैं तो यह जानना जरूरी है कि पेपरलेस लोन का मतलब क्या है? पेपरलेस लोन का मतलब यह कतई नहीं है कि किसी भी पेपर की जरूरत नहीं होगी। लोन पास कराने के लिए कई ऐसे पेपर चाहिए होंगे जो डिजिटल फर्म में आपको जमा करने होंगे। इसके लिए आपके पास वे पेपर पहले से मौजूद रहना जरूरी है। अगर नहीं है तो कोई बैंक या एनबीएफसी आपको लोन नहीं देगा। ऐसे में अगर किसी बैंक की ओर से कोई कस्टमर केयर अधिकारी आपको झट से लोन का वादा कर रहा है तो उसकी बातों में न आएं। आप फालतू के परेशान होंगे।
'पेपरलेस' पर्सनल लोन क्या हैं?
'पेपरलेस' का मतलब 'कोई पेपर नहीं' है; बल्कि, यह दर्शाता है कि आवेदक व्यक्तिगत ऋण आवेदन ऑनलाइन कर सकते हैं और पारंपरिक कागज-आधारित प्रक्रिया की जगह, आवश्यक दस्तावेजों की डिजिटल प्रतियां जमा कर सकते हैं। यह लचीलापन आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के दौरान किसी भी स्थान से स्कैन किए गए दस्तावेज अपलोड करने का अधिकार देता है। कागज रहित व्यक्तिगत ऋण की शुरूआत ने फॉर्म भरने और कागजी कार्रवाई के जंजाल से मुक्त किया है।
ये आवश्यक दस्तावेज अभी भी जरूरी
पेपरलेस प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद, लोन आवेदन को सपोर्ट करने के लिए बैंक स्टेटमेंट, सैलरी स्लिप और अन्य आवश्यक दस्तावेज की जरूरत होती है। इसके बिना आप लोन का आवेदन नहीं कर सकते हैं। कुछ डिजिटल दस्तावेज़ों की अभी भी जरूरी है, जैसे इनकम सर्टिफिकेट प्रमाण, पैन कार्ड और आधार कार्ड।
क्रेडिट स्कोर बेहतर तभी मिलेगा झट से लोन
क्रेडिट स्कोर किसी व्यक्ति के पिछले वित्तीय व्यवहार को दर्शाता है। यह उस व्यक्ति की वित्तीय साख निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में अगर आप झट से पर्सनल लोन लेना चाहते हैं तो उसके लिए जरूरी है कि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो। क्रेडिट स्कोर 750 से ऊपर होना बेहतर माना जाता है। इसके बाद ही पेपरलेस प्रक्रिया का लाभ आपको मिलेगा। अगर क्रेडिट स्कोर ही खराब है तो आपको बदलते तकनीक का फायदा नहीं मिलेगा।