आधार जारी करने वाले संस्थान, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सोमवार को स्पष्ट किया है कि संस्थान की तरफ से किसी भी आधार नंबर को रद्द नहीं किया गया है। भाषा की खबर के मुताबिक, यूआईडीएआई ने कहा है कि आधार डेटाबेस को अपडेट रखने के लिए आधार नंबर धारकों को समय-समय पर सूचना जारी की जाती है।
आधार का इस्तेमाल
खबर के मुताबिक, आधार, सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली डिजिटल पहचान के रूप में, कई सब्सिडी, लाभ और सेवाओं का लाभ उठाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यूआईडीएआई ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि आधार डेटाबेस की सटीकता बनाए रखने के लिए, प्राधिकरण ने दस्तावेजों और आधार के अपडेट के लिए एक अभ्यास शुरू किया था।
शिकायत हो तो यहां दें प्रतिक्रिया
यूआईडीएआई ने कहा कि अगर किसी आधार संख्या धारक को कोई शिकायत है तो वे यूआईडीएआई को अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं, यह वादा करते हुए कि शिकायत का उचित समाधान किया जाएगा। अगर किसी आधार संख्या धारक को इस संबंध में कोई शिकायत है, तो वे इस लिंक https://uidai.gov.in/en/contact-support/feedback.html.पर यूआईडीएआई को अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
इसके बाद आया यूआईडीएआई का स्पष्टीकरण
यूआईडीएआई की तरफ से यह स्पष्टीकरण उस वाकये के बाद आया है जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को आरोप लगाया था कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में लोगों को विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ लेने से रोकने के लिए उनके आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिए। बनर्जी ने एक सभा में कहा था कि उनकी सरकार लाभार्थियों के पास आधार कार्ड नहीं होने के बावजूद राज्य द्वारा संचालित कल्याण कार्यक्रम जारी रखेगी। बनर्जी ने कहा था कि बंगाल के कई जिलों में कई आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिए गए हैं।