Highlights
- बीते 24 घंटे में देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 1.17 लाख के पार निकल गया
- हेल्थ इंश्योरेंस में 10 से 15 लाख रुपये का कवर जरूर लें
- बेहतर रिटर्न के लिए पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड बनाना बेहतर
नई दिल्ली। देश में कोरोना संकट एक बार फिर से गहरा गया है। कोरोना के ओमिक्रॉन वेरियंट आने से संक्रमण में तेजी से उछाल आया है। शुक्रवार सुबह को में देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 1.17 लाख के पार निकल गया। ऐसे में जानकार एक बार फिर से वित्तीय अस्थिरता बढ़ने का अंदेशा जता रहे हैं क्योंकि पहली और दूसरी लहर में लाखों लोगों को वित्तीय पेरशानी का सामना करना पड़ा था। आप या आपका परिवार आने वाले दिनों में इस तरह की समस्या में न फंसे इसके लिए पहले से तैयारी करना बहुत जरूरी है। हम आपको पांच ऐसी बातें बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप आने वाले वित्तीय संकट को आसानी से टाल सकते हैं।
1. इमरजेंसी फंड बनाना न भूलें
कोरोना महामारी ने इमरजेंसी फंड की अहमियत से हम सभी को रूबरू करा दिया है। बहुत सारे लोगों को पैसे की कमी के कारण भयंकर परेशानी का सामना करना पड़ा। ऐसे में वित्तीय जानकारों का कहना है कि नौकरी पेशा वाले के पास उनकी सैलरी के कम से कम 6 महीने के बराबर इमरजेंसी फंड होना चाहिए। वहीं, बिजनेस करने वालों को महीने के खर्च का 12 गुना रकम इमरजेंसी फंड के रूप में रखनी चाहिए। यह रकम कोरोना जैसे संकट में वित्तीय मजबूती देने का काम करता है। इमरजेंसी फंड से घर और दूसरे जरूरी खर्चे बिना किसी परेशानी के चलते रहते हैं।
2. अपने और परिवार का हेल्थ इंश्योरेंस जरूर लें
कोरोना महमारी ने हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत से हर किसी को रूबरू कराया है। बहुत सारे लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस होने के बावजूद परेशानी का सामना करना पड़ा है। इसकी वजह कवर की कम रकम रही। बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा इलाज को खर्च देखते हुए 10 से 15 लाख रुपये का कवर जरूर लेनी चाहिए। कोरोना जैसी महामारी में हेल्थ इंश्योरेंस आपको समय पर पर्याप्त मदद मुहैया कराता है। अगर आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है और परिवार में किसी की तबियत खराब होती है तो आप पर बड़ा वित्तीय बोझ पड़ेगा।
3. वित्तीय लक्ष्य बनाकर ही करें निवेश
हम सभी अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए निवेश करते हैं। हालांकि, कई बार सही निवेश नहीं करने पर परेशानी का भी सामना करना पड़ता है। यह साल 2020 में देखने को मिला जब बहुत सारे लोगों का पैसा शेयर बाजार में निवेश होने के कारण डूब गया या भारी नुकसान उठाना पड़ा। वित्तीय जानकारों का कहना है कि हर किसी को अपनी जरूरत और वित्तीय लक्ष्य को देखते हुए निवेश करना चाहिए। इसके साथ ही निवेश के किसी एक माध्यम में कभी भी पूरा पैसा निवेश नहीं करना चाहिए। बैंक एफडी, म्यूचुअल फंड, शेयर, रियल एस्टेट, सोना आदि में निवेश कर पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड बनाना बेहतर होता है। इससे जरूरत पर पैसे की कमी भी नहीं होती है और शानदार रिटर्न भी मिलता है9
4. बैंक से लोन का पुनर्गठन कराएं
अगर ओमिक्रॉन के कारण आने वाले समय में आपका कारोबार या जॉब प्रभावित होता है तो आप बैंक से लिए हुए कर्ज को पुनर्गठन कराने पर बात करें। आप बैंक से लोन की अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन दे सकते हैं। बैंक आपकी वित्तीय स्थिति को देखते हुए लोन की अवधि बढ़ा सकता है। इससे आप पर ईएमआई का बोझ कम होगा जो आपको राहत देने का काम करेगा। इससे आपकी आय अगर घटती भी है तो आपके हाथ में पैसे होंगे। साथ ही आप ईएमआई चूक से भी बच जाएंगे जो आपके सिबिल स्कोर खराब होने से रोकेगा।
5. अपने खर्चों का विश्लेषण जरूर करें
कोरोना महामारी के चलते हर किसी की आय प्रभावित हुई है। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि हम अपने सभी खर्चों का विश्लेषण जरूर करें और यह देंखे कि अभी भी हम कहां फिजूल खर्च कर रहे हैं। वित्तीय जानकारों का कहना है कि हो सके तो महीने के खर्च का एक बजट बनाए। इससे आपको पता चल जाएगा कि आप किन चीजों की खरीदारी कर रहे हैं जिन्हें नहीं करने पर भी काम चल जाएगा। ऐसा कर आप फिजूल खर्च को आसानी से रोक पाएंगे। इससे पैसे की बचत भी होगी और पैसे की कमी भी नहीं होगी।