Money Mantra: बरसों से ये कहवल चली आ रही है कि जितनी चादर हो उतने ही पांव फ़ैलाने चाहिए। असल में कहें तो यह मात्र कहावत ही नहीं, वित्तीय जगत का सबसे बड़ा मन्त्र भी है। हम सब सोचते भले ही इसे हैं पर करते अक्सर इसके उलट हैं। हम कई बार अपने दिल की सोच कर खूब खर्चे कर लेते है। पर जब कर्ज़ गले तक आ जाता है तब हम इससे निकलने के लिए और भी बड़ी गलतियाँ कर डालते है। इसे एक उदहारण से समझते है।
मेरे भाई की कहानी
बात मेरे भाई रोहन की है। ऊसके लगभग वही हाल हैं जिसका जिक्र हम ऊपर कर चुके है । वह 25 साल का है और सेल्स की जॉब करता है। वह बीते 2 महीने से तेजी से जॉब तलाश रहा है। एसा वह तरक्की के लिए नहीं बल्कि अपने कर्जे पाटने के लिए अधिक धन कमाने के लिए कर रहा था। उसके सर बड़ा कर्ज चढ़ चुका था। क्रेडिट कार्ड के बेजा इस्तेमाल के चलते वह बड़ी परेशानी में फंस गया था। लग्जरी सामान खरीदने की हसरत में वह क्रेडिट कार्ड की सीमा को भी पार कर गया। लिहाजा, भारी कर्ज माथे पर था। इतना ही नहीं इस कर्ज के बाद उसने अपनी नौकरी भी गवां दी। अब नौकरी भी नहीं और भारी कर्ज चुकाने के लिए कुछ ही दिन बचे थे। आखिर में उसने अपने सेविंग्स किए हुए सभी पैसों से कर्ज चुकाया।
क्या रोहन ने ठीक किया?
क्या कर्ज के दलदल से निकलने के लिए यह कदम काफी था? मुझे लगता है नहीं। क्योंकि अनंत इच्छाओं का बिल कभी नहीं भरा जा सकता। यह परिस्थिति जो मेरे भाई के साथ बनी यह आज के नौजवानों के साथ अक्सर सामने आती है। कई नौजवान बेहतर नौकरी से अपनी शुरुआत करते हैं। वे बिना कुछ सोचे समझे कर्ज लेते हैं या फिर क्रेडिट कार्ड के जरिए खरीददारी करते हैं। न ही उनके पास धन प्रबंधन जैसा कुछ होता है। वे जब किसी ऐसी बुरी स्थिति में फंस जाते हैं जहां करने उनके हाथ में करने को कुछ नहीं होता है। तब उन्हें बहुत देर बाद यह एहसास होता है कि उन्हें पैसों का प्रबंधन करना चाहिए था।
आइए जानते हैं वह टिप्स जो आपको धन का प्रबंधन करने में मदद करेंगे
बजट
जैसे ही आप कमाना शुरू करिए सबसे पहले अपना बजट तय कीजिए। अपने पैसे को लेकर सजग रहिए। पाई-पाई का हिसाब रखिए। खर्च पर नियंत्रण रखिए। यह तय करिए की जिस चीज पर आप खर्च कर रहे हैं वह चीज आपके काम की है या नहीं। मसलन, कपड़े खरीदना, फिल्में देखना, बाहर डिनर या लंच करना जैसे कई खर्च हैं जो आपका बजट बिगाड़ते हैं। इन पर पैसे बजट के हिसाब से ही खर्च करें। यह सारे कदम आपको सेविंग करने में मदद पहुंचाएंगे।
कर्ज
कर्ज के मामले में बिल्कुल सावधान रहने की जरूरत है। कैरियर के शुरुआत में ही कर्ज लेने से बचें। अक्सर देखा जाता है कि कैरियर की शुरुआत करते हुए नौजवान जबरदस्त खरीददारी करना शुरू कर देते हैं। इसके लिए वे कर्ज का भी सहारा लेते हैं। जब उन्हें इसकी अदायगी मोटे ब्याज के साथ करनी पड़ती है तब उन्हें समझ आती है। इसी के बीच यदि कुछ और स्थितियां खराब हो जाए तो बहुत मुश्किल हो जाती है। इसलिए एतिहाद जरूरी है।
बचत
मैं हमेशा अपने मित्रों, परिवार और क्लाइंट्स को सलाह देता हूं कि सबसे पहले खुद को पेमेंट (अदायगी) करना सीखिए। छोटी सी बचत से सेविंग शुरू करिए। नियमित तौर पर बचत करिए। मसलन बच्चों के लिए सस्ते दरों पर स्टूडेंट लोन लीजिए। कर्ज के जरिए खरीददारी बहुत सावधानी से करिए। लंबी यात्रा के लिए जहां आप काम करें वहां के पास को इस्तेमाल करें। हमेशा प्रयोग की जा चुकी पुस्तक खरीदिए। देर रात की पार्टी को नजरअंदाज करिए। छोटे, मध्यम और बड़े कई लक्ष्य बनाइए। यह आपको लक्ष्य हासिल करने में मदद पहुचाएंगे।
इमरजेंसी फंड
हमेशा अपने फंड को मेंटेन करिए यह अचानक की समस्या के निदान का सबसे जरूरी हथियार होता है। मसलन, आपकी जॉब चली जाए या आपको मेडिकल की जरूरत हो तो यह फंड ही आपके काम आएगा।
गांठ बाँध लें ये आखिरी बात
निवेश आरंभ करने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति को समझना बेहद आवश्यक होता है। यदि आप पर भारी ब्याज दर का कोई कर्ज है तो पहले उसे उतार दें और अपने चार-छह महीने के खर्च के बराबर राशि अपने बचत खाते में रख लें। साथ ही आपको पता होना चाहिए कि जो धन आप निवेश करने वाले हैं उसकी जरूरत कितने समय बाद पड़ने वाली है। इसी से तय होगा कि आपको किन विकल्पों में पैसा लगाना है। साथ ही यह जानना जरूरी है कि आपको निवेश विकल्पों की कितनी समझ है। अगर आप निवेश विकल्पों की बेहतर जानकारी नहीं रखते, तो अच्छे फाइनेंशियल प्लानर की मदद लेने में कोई बुराई नहीं है।